सिविल अस्पताल में अपनी जमीन तलाश रही रेडक्रास सोसाइटी
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र ओपीडी ब्लाक सिविल अस्पताल का ड्रग लाइसेंस स्टेट लाइसेंस अथॉरिटी सोनीपत ने शुक्रवार को निरस्त कर दिया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र, ओपीडी ब्लाक सिविल अस्पताल का ड्रग लाइसेंस स्टेट लाइसेंस अथॉरिटी सोनीपत ने शुक्रवार को निरस्त कर दिया है। उधर, जिला रेडक्रास सोसाइटी अब सिविल अस्पताल में अपनी जमीन तलाशने में जुट गई है। सोसाइटी के सचिव गौरव रामकरन सोमवार को इस मामले में एसडीएम और तहसीलदार पानीपत से मिलेंगे।
दरअसल, जिला रेडक्रास सोसाइटी ने जन औषधि ने संचालन का अनुबंध अंकित गोयल से किया हुआ था। केंद्र के संचालक पर आरोप है कि अनुबंध के मुताबिक उसे हर माह 22 हजार रुपये (कुल रकम लगभग पौने तीन लाख रुपये) सोसाइटी के खाते में जमा कराने थे। जनवरी 2020 से रकम जमा नहीं कराई जा रही थी। उधर, शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम ने मंगलवार को केंद्र का निरीक्षण किया था। स्टाक में 35 तरह की ऐसी मेडिसन मिली, ब्यूरो आफ फार्मा पीएसयू आफ इंडिया(बीपीपीआइ) की नहीं थी।
बुधवार को सोसाइटी ने अंकित गोयल से अनुबंध खत्म किया,वीरवार को जिला औषधि नियंत्रक विजय राजे को ड्रग लाइसेंस सरेंडर कर दिया था। दूसरे स्थान पर औषधि केंद्र खोलने के लिए सोसाइटी किराए की जगह भी तलाश रही है। सिविल अस्पताल में था रेडक्रास भवन
सचिव गौरव रामकरन ने बताया कि करीब तीन दशक पहले तक सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिग (अब नई बिल्डिग)के पास रेडक्रास भवन और ब्लड बैंक होता था। तकरीबन 300 वर्ग गज भूमि थी। वर्ष 1990 में ब्लड बैंक और भवन मौजूदा स्थान पर शिफ्ट हुआ। पटवारखाना से भूमि का रिकार्ड निकलवाया जाएगा। भूमि के दस्तावेज मिलने पर अस्पताल प्रशासन से जगह ली जाएगी। लगभग चार लाख का स्टाक :
सिविल अस्पताल के जन औषधि केंद्र में करीब चार लाख रुपये का स्टाक सील है। बीपीपीआइ की रकम भी बकाया है। सोसाइटी ने अंकित को अनुबंध के मुताबिक बकाया रकम जमा कराने का नोटिस दिया हुआ है। बीपीपीआइ का बकाया भुगतान करने को भी कहा है।