अब आढ़तियों को गेहूं उठान के लिए नहीं देना पड़ेगा नजराना, सरकार ने दिया रेडी टू लिफ्ट का गिफ्ट

आढ़तियों को खरीदी गई फसल उठाने के लिए लाखों रुपये देने पड़ते थे। ठेकेदार उनका माल उठाने में देरी करते थे। पर अब सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेडी टू लिफ्ट ऑप्शन जोड़ा है। क्लिक करते ही आढ़ती के पास गाड़ी का नंबर पहुंच जाता है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 02:45 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 02:45 PM (IST)
अब आढ़तियों को गेहूं उठान के लिए नहीं देना पड़ेगा नजराना, सरकार ने दिया रेडी टू लिफ्ट का गिफ्ट
आढ़तियों के सामने नजराना कई सालों से सबसे बड़ी आफत बना हुआ था।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। अब आढ़तियों को अपनी दुकान से खरीद के बाद माल उठवाने के लिए लाखों रुपये के नजराने का हर्जाना नहीं देना पड़ेगा। प्रदेश सरकार की ओर से गेहूं खरीद को लेकर लागू किए गए पोर्टल में इस बार एक नया ऑप्शन जोड़ा गया है।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आढ़ती के लिए जोड़े गए रेडी टू लिफ्ट के इस ऑप्शन ने आढ़तियों को नजराने से बचा दिया है। पिछले कई सालों से आढ़तियों के सामने नजराना सबसे बड़ी आफत बना हुआ था। कई मंडियों में आढ़तियों को मजबूरी में लाखों रुपये देने पड़ते थे। ऐसा न करने पर ठेकेदार उनका माल उठाने में देरी करते थे और इससे गेहूं व धान में शॉर्टेज आने का डर बना रहता था। इसी डर से बचने के लिए आढ़ती को नजराना देना पड़ता था।

क्लिक करते ही स्क्रीन पर आ जाता गाड़ी का नंबर

पोर्टल पर जोड़े गए रेडी टु लिफ्ट आप्शन के बाद आढ़ती के मोबाइल की स्क्रीन पर ही गाड़ी का नंबर पहुंच जाता है। आढ़ती के पास गेहूं पहुंचने के बाद गेट पास कटता है। इस गेट पास के जरिये एजेंसी खरीद करती है। तुलाई होने के बाद आढ़ती पोर्टल पर जे फॉर्म जनरेट करता है। इसके बाद जब बोरी सिलाई हो जाती है तो आढ़ती रेडी टू लिफ्ट का ऑप्शन दबाते हैं। इसके दबाते ही आढ़ती के पास गाड़ी का नंबर पहुंच जाता है। इसी पोर्टल पर आए नंबर के अनुसार ठेकेदार को खरीदा गया माल उठाना पड़ता था।

हर बार अधिकारियों के सामने उठता था मामला

हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिला सचिव हरविंद्र बंसल ने कहा कि उन्होंने नजराने का मामला डीसी के सामने उठाया था। इससे पहले भी वह हर बार डीसी के सामने यह मामला उठाते आए हैं। ठेकेदार कट्टे उठाने के नाम पर दो से चार रुपये प्रति नग वसूली करता था। ऐसे में थानेसर अनाज मंडी से ही लाखों रुपये के नजराने की वसूली होती थी। अब पोर्टल पर लागू किए गए नए ऑप्शन से आढ़तियों को राहत मिली है। पूर्व प्रधान दयाल चंद ने कहा कि यह सराहनीय फैसला है। इससे आढ़तियों को राहत मिली है।

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