पढि़ए एक ऐसी बेटी की कहानी, जो दूसरी होनहार बेटियों को शिक्षित कर बना रहीं स्‍वावलंबी

पूनम जागलान के इस काम के लिए हरियाणा कला परिषद एवं दादा लख्मी चंद कला विकास मंच की ओर से महिला दुर्गा शक्ति अवार्ड भी मिला है। साथ ही पूनम स्कूल व कालेज में पहुंचकर युवा पीढ़ी को डाइट काे लेकर भी जागरूक करती रहीं है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 03:10 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 03:10 PM (IST)
पढि़ए एक ऐसी बेटी की कहानी, जो दूसरी होनहार बेटियों को शिक्षित कर बना रहीं स्‍वावलंबी
पूनम जागलान ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से न्यूट्रीशियन एंड न्यूट्रासिटिकल में मास्टर की है।

जेएनएन, पानीपत। वह खुद तो सशक्त हैं, साथ ही दूसरी बेटियों को भी आगे बढ़ाने का रास्ता दिखाती हैं। न केवल बेटियों की शिक्षा का जिम्मा उठाती हैं, बल्कि स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित करती हैं। ये हैं माडल टाउन निवासी डाइटिशियन पूनम जागलान। इनर व्हील क्लब मिड टाउन से जुड़ी पूनम जागलान खुद अपना न्यूट्री एंड न्यूट्रा डाइट क्लीनिक एंड वेलनेस सेंटर चलाते हुए न केवल अपने पैरों पर खड़ी हैं, बल्कि समाजसेवा में भी आगे रहती हैं। आइये, पढ़ते हैं पूनम जागलान के बारे में। इस साल पूनम जागलान को हरियाणा कला परिषद, एवं दादा लख्मी चंद कला विकास मंच की ओर से महिला दुर्गा शक्ति अवार्ड भी मिला है।

पूनम अभी ग्रेजुएशन कर रही थीं। मां को शुगर रोग हो गया। तभी ठान लिया कि वह खुद मां की देखभाल करेंगी। इसके लिए उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से न्यूट्रीशियन एंड न्यूट्रासिटिकल में मास्टर की। संयुक्त परिवार में रहीं पूनम जागलान ने मां के साथ पूरे परिवार की डाइट का जिम्मा संभाल लिया। पूनम ने बताया कि कोविड से पहले स्कूल व कालेज में पहुंचकर युवा पीढ़ी को डाइट पर जागरूक करती रहीं। युवाओं को समझाती हैं कि प्रोटीन सप्लीमेंट नहीं लेने चाहिए। इनका शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है। साइड इफेक्ट आ सकते हैं।

 पति सुरेंद्र जागलान एडवोकेट हैं। बेटा सात वर्ष और बेटी चार वर्ष की है। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मास्टर के बाद बीएड भी की। इंडियन डाइटेटिक्स एसोसिएशन की सदस्य हैं। डाइटिशियन ऑफ कनाडा, अमेरिकन सोसाइटी फोर न्यूट्रिशियन और कैनेडियन न्यूट्रिशियन सोसाइटी की सदस्य हैं। फूड साइंस एंड टेक्नोलोजी पर पीएचडी कर रही हैं।

बेटी की शिक्षा का जिम्मा, एक घर बनवाया

पूनम ने बताया कि उन्होंने एक बेटी की शिक्षा का जिम्मा लिया है। वह बेटी बहुत अच्छी पेंटिंग बनाती है। पिछले दिनों जरूरतमंदों को राशन वितरित किया। झुग्गी तक में जाकर समझाते हैं कि बच्चों को कुपोषण की वजह से किस तरह मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। डाइट चार्ट के बारे में समझाते हैं। कोविड जब बढ़ रहा था, तब मास्क का वितरण किया। एक लड़की का घर जल गया था। उसकी छत डलवाई। उसे सिलाई करना आती थी। उसे सिलाई मशीन दी ताकि स्वरोजगार कर सके। आज उसकी हालत ठीक है।

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