कालाबाजारी पर रोक, कैथल में निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए बेडों के रेट तय

कैथल में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण और कालाबाजारी को लेकर डीसी ने सख्‍ती की है। डीसी सुजान सिंह ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण आंचल के लोगों को भी कोरोना से बचने की हिदायतों का पालन करना चाहिए। साथ ही निजी अस्‍पताल में बेड के रेट तय रहेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 04:55 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 04:55 PM (IST)
कालाबाजारी पर रोक, कैथल में निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए बेडों के रेट तय
कालाबाजारी को लेकर डीसी ने सख्‍ती की।

कैथल, जेएनएन। डीसी सुजान सिंह ने बताया कि निजी अस्पतालों के लिए कोरोना को लेकर रेट सूची जारी की है। इस सूची के मुताबिक जो अस्पताल एनएबीएच मान्यता प्राप्त नहीं है, वह आइसोलेशन बेड के लिए फीस आठ हजार, आइसीयू बेड बिना वेंटिलेटर के लिए 13 हजार और आइसीयू बेड वेंटिलेटर के साथ के लिए 15 हजार रुपये ले सकेंगे।

इसी के साथ एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पताल में आइसोलेशन बेड के लिए 10000, आइसीयू बेड बिना वेंटिलेटर के लिए 15 हजार और जेसीआइ व एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पताल आइसीयू बेड वेंटिलेटर के साथ के लिए 18 हजार रुपये ले सकेंगे। किसी भी प्रकार की सहायता व जानकारी के लिए राज्य की हेल्पलाइन नंबर 1075 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ जिला में स्थापित हेल्पलाइन नंबर 1950, 98963-17010, 99969-37500, 01746-224240 व 224235 पर संपर्क किया जा सकता है।

सैंपलिंग बढ़ाना जरूरी हो गया है-डीसी

डीसी सुजान सिंह ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण आंचल के लोगों को भी कोरोना से बचने की हिदायतों का पालन करना चाहिए। आमजन को अधिक से अधिक जागरूक करें, सभी संबंधित अधिकारी अलर्ट मोड पर रहे और भविष्य की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में पहले से ही इजाफा रखें ताकि जरूरत पडऩे पर किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो। जिले में सैंपलिंग अधिक से अधिक की जाए, इसके साथ-साथ वैक्सीनेशन के कार्य को भी समुचित ढंग से चलाएं। डीसी सुजान सिंह लघु सचिवालय में कोविड-19 के दृष्टिïगत संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। इससे पहले मुख्यमंंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तों से फीडबैक ली। डीसी ने कहा कि कोविड को लेकर जिला निगरानी समिति का गठन किया गया है। इसके साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी, इंसींडेंट कमांडर व टीमों का गठन किया गया है। सभी संबंधित अधिकारी अलर्ट मोड पर रहें।

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