रमन को यस की कमान, स्वागत में पहुंचे शहर के निर्यातक
टेक्सटाइल निर्यातकों के संगठन यंग एंटरप्रन्योर सोसाइटी (यस) पानीपत चैप्टर के पहले प्रधान बने निर्यातक रमन छाबड़ा को यहां ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक होटल में शपथ दिलाई गई। उनके स्वागत में शहर के छोटे से लेकर बड़े निर्यातक तक पहुंचे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : टेक्सटाइल निर्यातकों के संगठन, यंग एंटरप्रन्योर सोसाइटी (यस), पानीपत चैप्टर के पहले प्रधान बने निर्यातक रमन छाबड़ा को यहां ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक होटल में शपथ दिलाई गई। उनके स्वागत में शहर के छोटे से लेकर बड़े निर्यातक तक पहुंचे। सांसद संजय भाटिया और शहर के विधायक प्रमोद विज ने मंच से कहा कि निर्यातकों के लिए जो भी बन पड़ेगा, करेगा। विज ने कहा कि शहर के टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ाने के लिए जगह का इंतजाम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल से बात की गई है। जल्द बड़ी सौगात मिलने वाली है।
यस का नौवां चैप्टर पानीपत बना है। करीब 130 युवा निर्यातकों को इसमें शामिल किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज खन्ना, सचिव अवधेश अग्रवाल के अलावा सोसाइटी के प्रमुख सदस्य राजकुमार मल्होत्रा, विशाल ढींगड़ा भी मौजूद रहे। दिग्गजों ने किया स्वागत
यस भले ही युवाओं का संगठन हो लेकिन दिग्गजों ने भी खुले मन से सभी का स्वागत किया। शहर के सबसे बड़े निर्यातक देवगिरी से अशोक गुप्ता, रिवेरा से ललित गोयल के अलावा विभू पालीवाल जैसे उद्यमी कार्यक्रम में मौजूद रहे। ललित गोयल तो पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रधान भी हैं। सांसद ने गिनाए सेवा के काम
सांसद संजय भाटिया ने मंच से बताया कि पानीपत के निर्यातकों ने किस तरह कोरोना के समय मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया था। जब आक्सीजन की कमी हुई तो कुछ ही घंटों में करोड़ों रुपये एकत्र कर आक्सीजन कंसंट्रेटर मंगा दिए थे। कपड़े के 15 लाख लाख बनवाकर दिए थे। निर्यातक पहले अपने समाज का ही सोचते हैं। ऐसा करके भी दिखाया। रमन ने कहा, समस्याएं उठाएंगे, नई योजनाएं लाएंगे
रमन छाबड़ा ने कहा कि युवा निर्यातक जोश और उत्साह से भरे हैं। उन्हें यहां उम्र में वरिष्ठ निर्यातकों का भी सहयोग मिला है। निर्यात बढ़ेगा तो देश में विदेशी मुद्रा आएगी। इससे देश का ही विकास होगा। वह यहां पर डिजाइन सेंटर से लेकर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सरकार की योजनाओं को निर्यातकों तक पहुंचाएंगे। अभी ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनके बारे में निर्यातकों को पता ही नहीं होता। इनका लाभ नहीं ले पाते। वहीं, जिन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा, उनके बारे में भी सरकार से बात करेंगे। जल्द ही जनरल बाडी की बैठक बुलाई जाएगी।