राजा रोड़ सेवा दल का दावा, उनका मराठों से नहीं संबंध
रोड़ जाति में अब दो धाराएं बनने लगी हैं। एक गुट कहता है कि वे मराठा हैं तो दूसरा गुट कहता है कि उनका मराठों से संबंध नहीं है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : रोड़ जाति में अब दो धाराएं बनने लगी हैं। एक गुट कहता है कि वे मराठा हैं तो दूसरा गुट कहता है कि उनका मराठों से संबंध नहीं है। मराठों से संबंध नहीं बताने वालों ने राजा रोड़ सेवा दल बना लिया है।
इस दल के जिला प्रधान अमित खोखरा का कहना है कि उनके गांव भादड़ के बारे में कहा जाता है कि यहां मराठा रहते हैं। यह गलत है। उनके गांव के मंदिर का भी मराठों से संबंध नहीं है। सेवादल के कोषाध्यक्ष सचिन खोखरा का कहना है कि गांव वर्ष 1446 से आबाद है। 1761 के युद्ध में बचे हुए सैनिकों से उनका संबंध नहीं है। वह तथ्यों के आधार पर बहस करने के लिए तैयार हैं। राजनीति के कारण उन्हें मराठा साबित किया जा रहा है।
गांव में रहने वाले प्रवीण कल्याण का कहना है कि भादड़ गांव प्रकेटश्वर महादेव धाम शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। गांव में मुख्य रूप से दो गोत्र हैं। खोखरा व कल्याण। यहां के बुजुर्गों का कहना है कि उन्हें अपने पूर्वजों पर गर्व है।