बारिश का कहर, यमुनानगर में टूटी नागल ड्रेन, कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात

Rain havoc in Yamunanagar यमुनानगर में मानसून की पहली बारिश ने लोगों की जान आफत में डाल दी। जोरदार बारिश शुरू हो गई। बारिश की वजह से नागल ड्रेन टूट गई। कई गांवों में पानी घुसने की वजह से बाढ़ जैसे हालात हो गए।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 10:45 AM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 10:45 AM (IST)
बारिश का कहर, यमुनानगर में टूटी नागल ड्रेन, कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात
मानसून की पहली बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। हरियाणा के यमुनानगर में हुई जोरदार बारिश के कारण चांदपुर गांव के पास नागल ड्रेन टूट गई। सुबह करीब सात बजे यह हादसा हुआ। ड्रेन टूटने के बाद पानी के तेज बहाव आबादी व खेतों में भरने लगा। आसपास के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए।

इन गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति

ड्रेन टूट जाने से अराइयांवाला, चांदपुर, बांबेपुर, नागल, बहादुरपुर, खिजराबाद, किशनपुर सहित अन्य कई गांवों तक बरसाती पानी फैल गय। हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। स्थिति का जायजा लेने के लिए साढे दस बजे तक क्षेत्र में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने दौरा नहीं किया। इस बात को लेकर ग्रामीणों में रोष है।

 पानी का तेज बहाव देख सहमे ग्रामीण

ड्रेन टूट जाने के बाद पानी का बहाव इतना तेज था कि जिस दिशा में बहा, उसी दिशा में तबाही मचाता हुआ चला गया। क्षेत्र अश्वनी राणा, जयपाल सिंह, जसबीर सिंह व विनोद कुमार ने बताया कि ड्रेन टूट जाने के कारण दर्जनभर गांवों के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहली बारिश भी ड्रेन नहीं झेल पाएगी। खेतों के साथ-साथ आबादी में पानी घुस गया। ग्रामीणों की मांग है कि क्षेत्र में हुए नुकसान की स्पेशल गिरदावरी करवाकर नुकसान की भरपाई की जाए।

निकासी के लिए बनाई थी ड्रेन

दरअसल, खिजरी के जंगल व क्षेत्र के बरसाती पानी की निकासी के लिए यह ड्रेन सिंचाई विभाग ने बनाई थी। ग्रामीणों के मुताबिक इस ड्रेन की दिशा सही नहीं है। क्योंकि जिस एरिया में यह जा रही है, वह ऊंचाई पर है। जिसके चलते निकासी संभव ही नहीं है। मंगलवार को क्षेत्र में जोरदार बारिश हुई। जिसके चलते यह ड्रेन ओवरफ्लो हो गई और चांदपुर व नागल गांव के पास टूट गई। इस ड्रेन से करीब 25 किलोमीटर एरिया के बरसाती पानी की निकासी की योजना बनी थी।

गांव में नहीं पहुंचा कोई अधिकारी

सुबह करीब सात यह हादसा हो गया था। साढे दस बजे तक गांव में एक भी प्रशासनिक अधिकारी सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का कहना है कि इतना भारी नुकसान हो गया। बावजूद इसके न तो प्रशासन की ओर से और न ही किसी नेता ने उनकी सुध ली है।

अभी तो बारिश का दौर शुरू हुआ है। पहली बारिश में ही यदि हालात ऐसे हैं तो भविष्य में स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

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