बारिश ने दिलाई प्रदूषण से राहत, यमुनानगर में पिछले 10 माह में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा एक्यूआइ
यमुनानगर में बारिश के बाद लोगों को शुद्ध हवा मिल रही है। एक हफ्ते से लगातार प्रदूषण स्तर गिर रहा है। पिछले 10 माह में सोमवार को एक्यूआइ सबसे अच्छा रहा। गत वर्ष 21 अगस्त को एक्यूआइ सबसे निचले स्तर पर आया था। तब एक्यूआइ 46 माइक्रोग्राम था।
यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बरसात से शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 47 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर आ गया है। गत 10 माह में पहली बार एक्यूआइ का स्तर इतना घटा है। इसके कम आने से लोगों को एक बार फिर शुद्ध हवा में सांस लेने का मौका मिला। पर्यावरणविदों का कहना है कि इसी तरह बरसात होती रही तो एक्यूआइ इससे भी नीचे आ जाएगा जो लोगों के लिए अच्छी बात है। चार दिन से एक्यूआइ लगातार नीचे जा रहा है।
एक सप्ताह से लगातार घट रहा प्रदूषण
गत एक सप्ताह से मौसम काफी साफ सुथरा है। क्योंकि रोजाना रुक-रुक कर बरसात हो रही है। हालांकि शहर के कई हिस्सों में बरसात नहीं हो रही। शनिवार रात हुई बरसात के बाद तो एक्यूआइ 47 पर आ गया। जबकि शनिवार को यह 63, शुक्रवार को 66 व वीरवार को 75 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया। जबकि इससे पहले बुधवार को यह थोड़ा ज्यादा 113 माइक्रोग्राम था। वहीं 12 से 14 जून के बीच यह 73 से 92 मइक्रोग्राम के बीच रहा।
पानी से नीचे आ जाती है धूल व गैस
गत वर्ष 21 अगस्त को एक्यूआइ सबसे निचले स्तर पर आया था। तब एक्यूआइ 46 माइक्रोग्राम था। जबकि 31 अगस्त को यह 50 माइक्रोग्राम था। पर्यावरणविद डा. अजय गुप्ता ने बताया कि फैक्ट्रियों से काला धुंआ, सड़कों पर पड़ी धूल व हानिकारक गैस हर समय हवा में रहती है। जब बरसात होती है तो यह पानी की बूंदों के साथ जमीन पर आ जाती है। इससे मौसम साफ हो जाता है। बरसात होना पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद है।
फेफड़ों व श्वास नली पर असर डालता है प्रदूषण
डा. अजय गुप्ता ने बताया कि पीएम2.5 व पीएम10 का स्तर 60 से 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए। वातावरण में डीजल वाहनों के धुंए, उद्योगों के धुंए व कचरे को जलाने से ही इनका स्तर बढ़ता है। पीएम 2.5 व 10 का बढ़ना हमारे फेफड़ों, श्वास नली, धमनियों को कमजोर करता है। लोगों में खांसी, जुकाम होने का यही बड़ा कारण है। जबकि कोरोना वायरस से भी श्वास नली में इंफेक्शन होता है। गले व फेफड़ों में सूजन बढ़ जाती है। प्रदूषण से यदि हमारा श्वास तंत्र खराब होगा तो कोरोना वायरस फैलने का खतरा भी बढ़ जाएगा।
प्रदूषण का स्तर घटा है : निर्मल कश्यप
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हरियाणा के क्षेत्रीय अधिकारी निर्मल कश्यप का कहना है कि बरसात होने से प्रदूषण का स्तर काफी घटा है। शनिवार को एक्यूआइ 47 पर पहुंच गया था। आने वाले दिन बरसात के हैं तो इसमें ओर सुधार देखने को मिलेगा।
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