धुंध से निपटने के लिए रेलवे तैयार, ट्रेनों की स्पीड रहेगी 60 किमी प्रति घंटा, फाग सेफ डिवाइस दिए

धुंध से निपटने के लिए रेलवे पूरी तरह से तैयार है। लोको पायलट्स को फाग सेफ डिवाइस दी जा रही है जो एक किलोमीटर पहले ही चालक को अलर्ट कर दी। वह ट्रेनों की स्पीड को कम कर सकेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 08:16 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 08:23 AM (IST)
धुंध से निपटने के लिए रेलवे तैयार, ट्रेनों की स्पीड रहेगी 60 किमी प्रति घंटा, फाग सेफ डिवाइस दिए
धुंध से निपटने के लिए रेलवे तैयार। फाइल फोटो

दीपक बहल, अंबाला। मौसम ने करवट ली तो धुंध के चलते ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी हो गई है। संरक्षा के चलते रेल मंत्रालय ने सभी जोन और मंडलों को हिदायतें जारी कर दी हैं। लोको पायलट को फाग सेफ डिवाइस दी जा रही हैं जो सिगनल से एक किलोमीटर (किमी) पहले ही लोको पायलट को हर सौ-सौ मीटर पर अलर्ट कर रहा है। इंजन में डिस्प्ले हो रहा है, जबकि डिवाइस बोल भी रही है, जिससे गेट और सिग्नल की जानकारी मिल रही है।

ट्रेनों की रफ्तार भी अधिकतम 60 किमी प्रतिघंटा रखने के निर्देश हैं। यदि मौसम साफ रहता है तो स्पीड को बढ़ाया जा सकता है। दृश्यता कम है तो ट्रेन की स्पीड को लोको पायलट अपने विवेक के अनुसार कम भी कर सकते हैं। उधर, रेल अधिकारियों की भी रात्रि ड्यूटी लगा दी गई है। वे ट्रेन या सड़क मार्ग से स्टेशनों पर पहुंचकर औचक निरीक्षण करेंगे। खासकर गेटमैन, लोको पायलट और कंट्रोल की मानीटरिंग होगी।

रेलवे में संरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है और धुंध का मौसम आते ही लोको पायलट, गार्ड और रनिंग स्टाफ से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों की काउंसलिंग शुरु कर दी गई है। दो ट्रैकमैन प्रत्येक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। अक्सर सर्दियां अधिक होने पर पटरियों के चटकने की संभावनाएं रहती हैं। ट्रैकमैन इनको चेक करता है और सूचना देता है कि स्लीपर या ट्रैक सही है अथवा कहीं खराबी है।

ट्रैकमैन आपस डायरी की अदला-बदली करते हैं, जिसमें पेट्रोलिंग में ट्रैक ओके या खराब है, यह डायरी में लिख दिया जाता है। अपर रेल मंडल प्रबंधक कर्ण सिंह ने कहा कि प्रत्येक ट्रेन चालक को फाग सेफ डिवाइस देनी शुरू कर दी है। हर सौ मीटर पर यह डिवाइस लोको पायलट को अलर्ट कर देती है। संरक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

डिवाइस ऐसे करती है काम

लोको पायलट को दी जा रही डिवाइस में यह फीड कर दिया जाता है कि कितनी दूरी पर कौन सी क्रासिंग और सिग्नल आने वाला है। क्रासिंग या सिग्नल से करीब सौ मीटर पहले ये डिवाइस लोको पायलट को सतर्क कर देगी। ऐसे में ड्राइवर के ध्यान नहीं कम होने पर वो सावधान हो जाएगा।

दिल्ली मुख्यालय ने जारी किए आदेश

उत्तर रेलवे के मुख्यालय ने आदेश जारी कर कहा कि संरक्षा सर्वोपरि है। रेलवे पटरी, वैल्‍डों के मेंटेनेंस मानकों को बेहतर बनाने और रेल पटरियों के निकट स्‍क्रैप को हटाने के लिए न‍िर्देश द‍िए गए हैं। इसके अलावा सभी ट्रैक संभावित क्षेत्रों की पहचान की जाएंगी जहां पर रेल दुर्घटना होने की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा सभी मंडलों को अपने अधीनस्थ एरिया में संरक्षा को बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं। रेलवे की ओर से सर्दियों के दौरान ट्रेनों के परिचालन में होने वाली मानवीय भूल को भी कम करने पर फोकस करने के लिए भी कहा गया है।

chat bot
आपका साथी