रेलवे रद ट्रेनों को फिर पटरी पर उतारने की तैयारी में, अंबाला सहित सभी रेल मंडलों से मांगी रिपोर्ट

Railways देश में कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ने के बाद अब रेलवे ने ट्रेनों की संख्‍या बढ़ाने पर विचार कर रहा है। रेलवे पिछले दिनों रद की गई ट्रेनों को दोबारा पटरी पर लाने की तैयारी कर रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 07:33 AM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 07:33 AM (IST)
रेलवे रद ट्रेनों को फिर पटरी पर उतारने की तैयारी में, अंबाला सहित सभी रेल मंडलों से मांगी रिपोर्ट
रेलवे रद ट्रेनों को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहा है। (फाइल फोटो)

अंबाला, [दीपक बहल]। Indian Railways: कोरोना की दूसरी लहर अब धीमी होते देख रेल मंत्रालय ट्रेनों की संख्‍या बढ़ाने पर विचार कर रहा है। रेलवे पिछले दिनों रद की गई ट्रेनों को फिर से चलाने की तैयारी में जुट गया है। पहले चरण में श्रमिकों के लिए ट्रेनें चलाने की की योजना है। इसके बारे में अंबाला रेल मंडल सहित देश के सभी रेल मंडलों से रिपोर्ट मांगी गई है।

बता दें कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के दूसरे चरण में मरीजों के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए राज्यों में सख्ती और लाकडाउन लग गया था। ऐसे में श्रमिक अपने गृह क्षेत्र चले गए थे। इससे ट्रेनों में यात्रियों की संख्‍या बेहद कम हो गई थी और इस कारण रेलवे ने काफी संख्‍या में ट्रेनों को रद कर‍दिया था। अब रेल मंत्रालय ने सभी मंडलों से रद ट्रेनें फिर से चलाने से पहले उनकी राय मांगी है।

राज्यों में लगे लोकडाउन के बाद लौटे श्रमिकों को वापस लाने के लिए रेल मंत्रालय ने मंडलों से पूछा

सभी रेल मंडलों से पूछा गया है कि कितनी-कितनी ट्रेनें वे अपने मंडल से चलाना चाहते हैं। इन ट्रेनों को स्पेशल का दर्जा देकर ही चलाया जाएगा। इसके अलावा 30 जून तक रेलवे ने अपने सभी प्रशिक्षण केंद्रों को बंद करने का निर्णय लिया है। इस अवधि तक इन केंद्रों प्रशिक्षण को लेकर कोई गतिविधि नहीं चलाई जाएंगी।

30 जून तक रेलवे के ट्रेनिंग सेंटर रहेंगे बंद, नहीं होगा प्रशिक्षण कार्य

जानकारी के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर का असर रेलवे के डेडिकेटिड रेल फ्रेट कॉरिडोर (लुधियाना से कोलकाता) प्रोजेक्ट पर पड़ा था, जिसकी करीब चालीस फीसद लेबर लाकडाउन के चलते काम छोड़ गई थी। इसी कारण से इस प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी हो गई थी। अब यहां पर भी लेबर आनी शुरू हो गई है, लेकिन अभी भी इनकी संख्या पच्चीस फीसद कम है।

इसी तरह से पंजाब, हरियाणा से भी श्रमिक अपने गृह जिलों को लौट गए थे। हालांकि मार्च व अप्रैल 2020 जैसे हालात नहीं हैं। अब रेलवे इन लोगों के लिए ट्रेनें चलाना चाह रहा है ताकि अर्थव्यवस्था का पहिया तेजी पकड़े। इसके अलावा अन्य रद चल रही एक्सप्रेस ट्रेनों को भी पटरी पर उतारने की तैयारी की जा रही है। ट्रेनों के रद होने से रेलवे को करोड़ों रुपयों का नुकसान हो रहा है।

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