Bharat Bandh Update Yamunanagar: यमुनानगर में दो मालगाड़ियां रोकी, रेलवे कर्मियों से बहस, जानिए कहां-कहां सड़कें जाम
यमुनानगर में भारत बंद का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया। दो मालगाडि़यां फंसी हैं। वहीं रेलवे ट्रैक पर कर्मियों और प्रदर्शनकारियों में बहस हुई। करीब 19 सड़कों पर जाम लगा है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भारत बंद के आह्वान का मिलाजुला असर देखने को मिला। बाजारों में अधिकांश दुकानें खुली रही। किसानों ने 19 जगह सड़कें व एक जगह रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया।
भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान संजु गुंदियाना व डायरेक्टर मंदीप सिंह रोडछप्पर की अगुवाई में सुबह करीब आठ बजे किसानों ने गांव फूंसगढ़ के पास रेलवे ट्रैक पर डेरा डाल लिया। कुछ समय बाद दोनों ओर से माल गाड़ियां आई। लेकिन किसानों को बैठे देख इनको कुछ दूरी पर ही रोक लिया गया। इस दौरान रेलवे कर्मियों व किसानों के बीच बहस भी हुई। रेल कर्मियों ने गाड़ियों को रास्ता दिए जाने की मांग की। लेकिन किसान अड़े रहे। किसानों का कहना था कि रेल गाड़ियां उनके उपर से होकर ही गुजरेंगी। एक भी किसान ट्रैक से नहीं हटा। उसके बाद सड़कों पर जाम लगाने का सिलसिला शुरू हो गया। एक के बाद एक सड़क पर ट्रैक्टर-ट्रालियां खड़ा कर जाम लगा दिया गया। पुलिस ने मुख्य मार्गों पर नाके लगाकर वाहनों को डायवर्ट किया।
यहां लगाया जमा
- रेलवे ट्रैक फूंसगढ़
- फ्लाई ओवर फूंसगढ़
- हाइवे पर सुढल मोड़
- महलांवाली बस अड्डा
- शिव चौक बिलासपुर
- त्रिवेणी चौक रादौर
- गांव खारवन
- गांव ससौली
- मिल्क माजरा टोल प्लाजा
- खेड़ी लक्खा सिंह
- सहारनपुर रोड बहरामपुरा चौक
- कूलपुर फाटक
- पावनी कलां व मंधार बस अड्डा।
लोग रहे परेशान
मुख्य मार्गों पर लगे जाम के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कलानौर-कैल बाइपास पर गांव हरनौल के पास पुलिस ने नाका लगाकार वाहनों को डायवर्ट किया। लेकिन यहां से मेरठ से अंबाला जाने के लिए बस जाम में फंस गई। सवारी रमजान, खुर्शीद व सलमा ने बताया कि वह सुबह आठ बजे बस में बैठे थे। उनको शादी-समारोह में शामिल होने के लिए अंबाला जाना था। लेकिन अब जाम में फंसे हुए हैं। उनको जाम के बारे में जानकारी नहीं थी। इसलिए घर से चल दिए।
आपात सेवाओं को दिया रास्ता
जाम के दौरान किसानों ने आपात सेवाओं के लिए रास्ता जरूर दिया, लेकिन अन्य वाहनों को नहीं गुजरने दिया। रेलवे ट्रैक पर बैठक भाकियू के जिला प्रधान संजु गुंदियाना, हरपाल सुढल, धर्मपाल, मंदीप रोडछप्पर आदि का कहना है कि जनता को परेशान करना उनकी मंशा नहीं है। कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़कों पर हैं। किसी भी स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। मजबूरी में उनको यह रास्ता अख्तियार करना पड़ा।