नौकरी छोड़ झुग्गियों के बच्चों को स्‍कूल तक पहुंचाया, बाल अधिकारों की लड़ाई लड़ रही सुधा

समाज सेवा की भावना ऐसी की सुधा ने जॉब छोड़कर गांव बिचपड़ी स्थित झुग्गी बस्ती के बच्चों को निशुल्क ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्हें सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाया। बच्चों के अधिकारों का संरक्षण और जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना अब उनकी जीवनशैली है।

By Edited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 06:09 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 10:48 AM (IST)
नौकरी छोड़ झुग्गियों के बच्चों को स्‍कूल तक पहुंचाया, बाल अधिकारों की लड़ाई लड़ रही सुधा
बच्‍चों की शिक्षा से लेकर हर तरह के अधिकार के लिए सुधा तन, मन, धन से प्रयासरत हैं

पानीपत, जेएनएन। बिहार के जिला बेगूसराय की मूल निवासी सुधा झा कंप्यूटर इंजीनियर हैं और वर्ष-2013 से पानीपत में रह रहीं हैं। समाज सेवा की भावना ऐसी की जॉब छोड़कर गांव बिचपड़ी स्थित झुग्गी बस्ती के बच्चों को निश्शुल्क ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्हें सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाया। बच्चों के अधिकारों का संरक्षण और जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना अब उनकी जीवनशैली है।

सुधा झा ने बताया कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए वर्ष-2017 में पानीपत पेरेंट्स एसोसिएशन से जुड़ी। वर्ष 2018 में स्कूल वैन की टक्कर से घायन बच्चे के इलाज में 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद कराने में हेङ्क्षल्पग यूथ पानीपत के साथ काम किया। इसी साल दो भाई-बहन व मोमोज बेचने वाले बच्चे को स्कूल में प्रवेश दिलाया। वर्ष 2019 में पिता द्वारा 13 साल की बेटी के साथ यौन शोषण मामले में बच्ची की मदद की।

मई-2019 में छह साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में पीडि़त परिवार को कानूनी-आर्थिक मदद कराई। लॉकडाउन के दौरान ऐसे ही एक केस में बच्ची की मदद की जा रही है। मार्च-2019 में स्कूल बस से कुचले जाने पर तीन बच्चों की मौत मामले में पीडि़त को कानूनी मदद में सहायता की जा रही है। वार्ड नंबर-1, 2, 3 में किशोरियों को सेनेटरी पैड वितरण ड्राइव चलाया। रक्तदान शिविर व पौधारोपण आयोजन कराए।

सुधा झा के मुताबिक बाल श्रम उन्मूलन, राइट टू एजुकेशन, बाल यौन शोषण, बाल विवाह रोकथाम, गुमशुदा की तलाश सहित दिव्यांग बच्चों को हर तरह की मदद पहुंचाई जाती है। हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया और बाल अधिकार सुरक्षा समिति से जुड़कर कई प्रोजेक्ट पूरे किए जा रहे हैं।

लाकडाउन में खूब काम किया  

लाकडाउन के दौरान विभिन्न संस्थाओं से जुड़कर जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया। खुद सिलाई करते हुए हजारों मास्क तैयार कर बांटे।  

मिल चुके कई क्षेत्रों में सम्मान :

-डीएलएसए की ओर से सामाजिक कार्यों के लिए सम्मान।

-दादा लख्मीचंद दुर्गा शक्ति अवॉर्ड

-प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना सम्मान

-नवोदय क्रांति शिक्षक सम्मान

-पोक्सो मैराथन के लिए दिल्ली में सम्मानित

-बाल क्षेत्र में काम करने के लिए हुमाना सम्मान।

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