कोरोना से बच्चों को बचाना बहुत जरूरी, इस तरह बढ़ाएं प्रतिरोधक क्षमता, क्या कहते हैं पानीपत के डॉक्टर
कोरोना वायरस से इस बार बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। उन पर खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पानीपत में लगातार बच्चों के संक्रमण का मामला बढ़ता जा रहा है। बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन नहीं है। बचाव ही उपाय है। खानपान-सेहत का पूरा ध्यान रखें।
पानीपत, जेएनएन। कोरोना वैक्सीनेशन के लाभार्थियों को कोविशील्ड और को-वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है। इनमें से कोई वैक्सीन ऐसी नहीं है जिसका ट्रायल 18 साल से कम आयु के बच्चों-किशोरों पर हुआ हो। इधर जिला में प्रत्येक दिन 10 से 15 बच्चे कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे में उन्हें संक्रमण से बचाना,उन्हें पौष्टिक भोजन खिलाना ही सबसे बेहतर होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग, पानीपत के पोषण मिशन की संयोजक एवं डाइटीशियन डा. श्रेया मिड्ढा ने बातचीत में जागरण को यह बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों का खान-पान ऐसा हो जो उन्हें महामारी के इस दौर में पोषण भी दे और उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता को भी विकसित करे। बच्चा अगर मां का दूध पीता है तो यह उसके लिए किसी औषधि से कम नहीं है. बच्चा यदि पांच साल से बड़ा है तो उसे कसैले फल और सब्जी खिलाना बहुत फायदेमंद होगा। ऐसे बच्चों को स्प्राउट्स, सभी तरह की दालें, करेला दिया जाए। बच्चों को अश्वगंधा और गिलोय का जूस भी पिला सकते हैं। डा. श्रेया ने कहा कि स्प्राउट्स को न्यूट्रिशन का पावर कहते हैं। अंकुरित अनाज में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन डी समेत कई न्यूट्रिएंट्स होते हैं। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की सही मात्रा होती है।
बच्चों को मूंग की दाल का पतला पानी पिलाएं, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफलामेट्री गुण होते हैं। करेला में एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण होते हैं। विटामिन-सी और विटामिन-ए भी पाए जाते हैं।
गिलोय का रस
गिलोय एक औषधि है। बच्चों को अक्सर सर्दी-खांसी होती है। शरीर में इम्यूनिटी की कमी है तो गिलोय बढ़ाने में मदद करती है। गिलोय रक्त को शुद्ध करता है, बैक्टीरिया से लड़ता है। रक्त में प्लेटलेट्स बढ़ती हैं।
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