जींद के किसान ने मेहनत से बदली किस्मत, डेढ़ एकड़ में ऐसे कमा रहे पांच एकड़ खेती से ज्यादा मुनाफा
जींद के किसान राजकुमार दूसरे किसानों के लिए मिसाल हैं। इनके पास मात्र डेढ़ एकड़ जमीन है। राजकुमार इसी जमीन से पांच एकड़ खेती वाले किसानों से ज्यादा मुनाफा कमाते हैं। खेत में आड़ू और आलू बुखारा की खेती करते हैं। इन्हीं में माल्टा नींबू व सब्जियां भी उगाते हैं।
जींद, जेएनएन। छोटी जोत वाले किसानों को प्रगतिशील किसान राजकुमार सैनी से सीख लेनी चाहिए। मात्र डेढ़ एकड़ जमीन में बागवानी व सब्जी की फसल लेकर इतना कमा लेते हैं, जितना पांच एकड़ जमीन में गेहूं, धान व कपास की फसल उगाने वाला किसान नहीं कमा पाता।
जींद शहर के किसान राजकुमार सैनी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि डेढ़ एकड़ जमीन में उन्होंने आलूबुखारा व आड़ू का बाग लगा रखा है। पौने किला जमीन में आलूबुखारा व पौना किला में आड़ू का बाग है। आलूबुखारा वाले बाग में दस पेड़ माल्टा व दो लाइन में नींबू के पेड़ भी हैं। इस बार लॉकडाउन में आलूबुखारा का बाग करीब सवा लाख रुपये में बिक गया और करीब दस हजार में माल्टा की फसल बिकी। सर्दी आते ही आलूबुखारा के पौधों के बीच मेथी की फसल ले लेंगे। नींबू भी हर साल सात-आठ हजार रुपये का बिक जाता है।
लॉकडाउन में 90 हजार का बिका आड़ू
आड़ू के बाग के बारे में राजकुमार बताते हैं कि अब इस बाग में आंधी के कारण कई पौधे टूट गए हैं। चार साल पहले जब पौने किलो में आड़ू के पौधे पूरी तरह लहलहा रहे थे, तब 1.80 लाख रुपये में बेचा था। इस बार लॉकडाउन में 90 हजार रुपये का आड़ू बिक गया। आड़ू बिकते ही नीचे हल्दी व अरबी की फसल लगा दी। अरबी पहली बार बोई है, जो दीवाली से पहले कट जाएगी। पिछली बार डेढ़ कनाल में हल्दी बोई थी। उसमें से 20 हजार की जल्दी बेच दी थी। बाकी घर के लिए रख ली, रिश्तेदारियों में भी भेज दी और डेढ़ मण बीज के लिए भी रख दी।
कम जोत वाले किसान कमा सकते हैं मुनाफा
राजकुमार सैनी कहते हैं कि कम जोत वाला किसान मेहनत करे तो एक-दो एकड़ में बागवानी व सब्जी की फसलों से भी अच्छी कमाई कर सकता है। आड़ू के बाग में दो पेड़ आम व एक पेड़ जामुन का भी है। करीब दस हजा रुपये का आम और 8 हजार की जामुन भी बिक जाती है।
साल में एक बार डालते हैं खाद
किसान राजकुमार सैनी बताते हैं कि वह कभी भी रासायनिक स्प्रे नहीं करते। साल में सिर्फ एक बार जनवरी के महीने में डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट, पोटाश, जिंक को मिलाकर खेत में डालते हैं। क्योंकि फूल के समय खाद नहीं डाल सकते। फल बंधेगा, उस समय भी खाद नहीं डाल सकते। एक बार छोटे साइज का आड़ू था, तब दो कट्टे यूरिया के डाल दिए, जिससे सारा आड़ू नीचे गिर गया। जनवरी में रोपाई का समय, नर्सरी तैयार करने का सही समय होता है। 15 जनवरी से 15 फरवरी तक खाद दे दिया जाए तो अगली फसल अच्छी हो जाती है।
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