सरकार के फैसले के विरोध में उतरे स्कूल संचालक, जींद में स्टाफ और बसों के साथ पहुंचे डीसी ऑफिस
सरकार के स्कूल बंद के फैसले के विरोध में स्कूल संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है। वीरवार को जींद में स्कूल संचालकों ने विरोध जताया। स्कूल स्टाफ और बसों के साथ लघु सचिवालय पहुंच गए। इसके बाद डीसी को ज्ञापन सौंपा।
जींद, जेएनएन। प्रदेश सरकार द्वारा पहली से आठवीं तक कक्षाएं ना लगाने के फैसले के विरोध में वीरवार को जिलेभर से स्कूल संचालक अपने स्टाफ व बसों के साथ लघु सचिवालय पहुंचे। जहां प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए डीसी डा. आदित्य दहिया को ज्ञापन सौंपा। साथ ही कोरोना से बचाव के साथ कैसे स्कूलों को खोला जाए, इसका भी प्रस्ताव दिया।
डीसी ने निजी स्कूल संचालकों को उनकी मांग प्रदेश सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। निजी स्कूल संचालकों ने चेतावनी दी है कि अगर स्कूल खोलने की अनुमति नहीं मिलती है, तो शुक्रवार को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर ताला लगाया जाएगा। स्कूल संचालकों ने 12 अप्रैल को डीसी डा. आदित्य दहिया को ज्ञापन सौंप कर स्कूल ना खोले जाने पर वीरवार को बसों की चाबियां सौंपने का एलान किया था।
निजी स्कूलों ने सरकार के फैसले के विरोध में वीरवार को कक्षा नौ से 12 तक भी स्कूलों को बंद रखा। सुबह ही स्कूल बसें लघु सचिवालय के बाहर पहुंचनी शुरू हो गई थी और गोहाना रोड पर दोनों तरफ करीब आधा किलोमीटर दूर तक स्कूल बसें ही खड़ी नजर आ रही थी। वहीं कुछ बसें लघु सचिवालय में भी पहुंची। स्कूल संचालक स्टाफ के साथ नेहरू पार्क में एकत्रित हुए। वहां से प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे।
डीसी कार्यालय के नीचे बैठ कर शिक्षकों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। शिक्षकों ने कहा कि शादी समारोह, बाजार व अन्य भीड़ वाले इलाकों में भी बच्चे जाते हैं। जहां कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा है। जबकि स्कूल में कोरोना से बचाव के लिए नियमों का पालन किया जाता है। जिससे वहां कोरोना फैलने का खतरा कम रहता है।
नियमों की अवहेलना करने वालों पर होगी कार्रवाई : डीसी
डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि बढ़ते कोरोना के मामलों को ध्यान में रखते हुए पहली से आठवीं कक्षा तक सरकार ने स्कूल बंद किए हैं। पिछले दो दिनों में कोरोना मामले और ज्यादा बढ़ गए हैं। आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। स्कूल संचालकों की मांग सरकार तक पहुंचा दी जाएगी। जो नियमों को तोड़ेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों से अपील है कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें। बच्चों का ध्यान रखें।
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