Amazing Talent: 7वीं कक्षा के गौरव का आइडिया, बिना नेटवर्क मोबाइल से करें बात, राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित
हरियाणा के यमुनानगर के सेक्टर-17 के रहने वाले सातवीं कक्षा का गौरव को राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे। गौरव ने मोबाइल में बिना नेटवर्क के बात करने का आइडिया शेयर किया है। इस आइडिया को नेशनल लेवल पर सेलेक्ट किया गया।
यमुनानगर, [राजेश कुमार]। आप घूमने के लिए पहाड़ी एरिया में जा रहे हैं। जरूरी काल करनी है, लेकिन जिस कंपनी का आपके मोबाइल में सिम कार्ड है। उसमें नेटवर्क न रहे, तब बहुत दिक्कत होती है। ऐसी समस्या से रोजाना लोग जूझते हैं। शहर के सेक्टर-17 निवासी सातवीं कक्षा के छात्र एस. गौरव सिंह के आइडिया पर यदि सरकार व टेलीकाम कंपनियों ने काम किया तो भविष्य में इस तरह की परेशानी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। गौरव सिंह के आइडिया का राष्ट्र स्तर पर चयन किया गया है। इस आइडिया को इंस्पायर अवार्ड मानक स्कीम में देश के टाप-60 में शामिल किया गया है।
इन सभी 60 छात्रों को राष्ट्रपति भवन का मेहमान बनने का मौका मिलेगा। राष्ट्रपति सभी छात्रों को सम्मानित करेंगे। इसके लिए जल्द ही नीति आयोग की तरफ से शेड्यूल जारी किया जाएगा। गौरव फिलहाल डीपीएस स्कूल में नौवीं का छात्र है। जब वह सातवीं कक्षा में था तब उसने आइडिया भेजा था। बुधवार शाम इसका रिजल्ट घोषित हुआ। हरियाणा से केवल चार बच्चों का चयन हुआ है। जिनमें कविश सरदाना, संचित कुमार व प्रियम दास फरीदाबाद से हैं।
दूसरी कंपनी के नेटवर्क से कर सकेंगे बात
एस. गौरव सिंह ने न्यूरोन (नेटवर्किंग फार एंड यूजर एज रिचेबल आर्गेनाइज्ड नेक्सस) मोबाइल एप बनाया है। दूसरी कंपनी का नेटवर्क लेने के लिए उपभोक्ता को अपने मोबाइल में यह एप डाउनलोड करनी होगी। उस क्षेत्र में सेवा प्रदाता सभी कंपनियों के नेटवर्क सिग्नल स्ट्रेंथ के साथ एप में दिखाई देंगे। प्रत्येक नेटवर्क के सामने उसका चार्ज भी दिखाई देगा। मोबाइल एप में वालेट की सुविधा होगी। जिसमें अपनी क्षमता अनुसार लोग बैलेंस रख सकते हैं। जिस कंपनी के नेटवर्क पर बात करेंगे उसका चार्ज वालेट से अपने आप कट जाएगा। प्रति मिनट का चार्ज मात्र कुछ पैसे होगा। सरकार व टेलीकाम कंपनियां चाहें तो इस सेवा को निशुल्क भी कर सकती हैं।
उत्तराखंड घूमने गए तो आया था यह आइडिया
14 वर्षीय गौरव ने बताया कि वर्ष 2018 में वह परिवार के साथ उत्तराखंड घूमने गया था। तब उनके पास जो मोबाइल थे उनमें एक में नेटवर्क था, जबकि दूसरे में नहीं। तब उन्हें लगा कि इसके लिए कोई मोबाइल एप बनाया जा सकता है। जिला साइंस स्पेशलिस्ट विशाल सिंघल ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से हर साल राष्ट्र स्तर पर इंस्पायर (इनोवेशन इन साइंस परसूट फार इंस्पायर रिसर्च) अवार्ड मानक (मिलियन माइंड्स ओगमेंटिंग नेशनल एस्पाइरेशन एंड नालेज) का आयोजन किया जाता है। जिसमें राजकीय व प्राइवेट स्कूलों के छठी से 10वीं कक्षा के विद्यार्थी ऐसे आइडिया दे सकते हैं जो देश के लिए लाभकारी सिद्ध हों। लाखों आइडिया में से केवल 60 का ही चयन किया जाता है। आइडिया के साथ आनलाइन अप्लाई किया था। जिलास्तर के बाद राज्यस्तर पर इसे सराहा गया। अब राष्ट्र स्तर पर इसका चयन किया गया।
साइंटिस्ट बनना चाहता हूं : गौरव सिंह
गौरव सिंह ने बताया कि वह साइंटिस्ट बनना चाहते हैं। वह ऐसे आइडिया लेकर आएं जिनका लोगों को फायदा हो उन्होंने इस आइडिया को पेटेंट कराया है। गौरव के पिता डा. एस. विजय सिंह व माता डा. अरुणा दोनों ही दंत रोग विशेषज्ञ है। डा. अरुणा का कहना है कि उन्होंने कभी भी गौरव पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया। उसे मोबाइल गेम व इंटरनेट मीडिया से दूर रखा। वह जो भी काम करना चाहता है उसमें हमेशा उसकी मदद करेंगे।
यमुनानगर से पहली बार चयन हुआ : सतपाल कौशिक
जिला शिक्षा अधिकारी सतपाल कौशिक का कहना है कि इंस्पायर स्कीम के तहत गौरव पहला छात्र है जिसका राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ है। उनकी शुभकामनाएं गौरव के साथ हैं।