गणित व विज्ञान में रुझान बढ़ाने की तैयारी, अब माडलों प्रदर्शनी से सीखेंगे छात्र

गणित और विज्ञान विषय में छात्रों की रुचि के लिए समग्र शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से तैयारी शुरू करदी है। 15 दिसंबर से माडल प्रदर्शनी शुरू की जाएगी। कोरोना महामारी की वजह से माडल प्रदर्शनी बंद हो गई थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 11:42 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 11:42 AM (IST)
गणित व विज्ञान में रुझान बढ़ाने की तैयारी, अब माडलों प्रदर्शनी से सीखेंगे छात्र
स्कूलों में लगाई जाएगी माडलों की प्रदर्शनी।

कैथल, जागरण संवाददाता। काेरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ वर्षाें से स्कूलों में आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों पर ब्रेक लगा है। परंतु अब जैसे ही स्कूल खुलने के बाद स्थिति सामान्य होने लगी है। विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए विभिन्न गतिविधियां करवाने की शुरूआत कर दी गई है। इसी कड़ी में अब समग्र शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों में विज्ञान व गणित का विज्ञान बढ़ाने के लिए आयोजित की माडल प्रदर्शनी भी लगाने का निर्णय लिया गया है। अभी तक इस प्रदर्शनी को लगाने को लेकर कोई शेड्यूल जारी नहीं किया है। गीता जंयती का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद इसकी घोषणा कर दी जाएगी। विभाग के अनुसार इसका आयोजन 15 दिसंबर से बाद शुरू होगा। जो 31 दिसंबर तक जारी रहेगा। यह प्रतियोगिता पहले खंड स्तर और फिर खंड स्तर पर अव्वल आने विद्यार्थियों के लिए जिला स्तर पर माडल प्रदर्शनी लगाई जाएंगी।

विभाग ने जारी की 26 लाख रुपये की राशि

माडल प्रदर्शनी के आयोजन को लेकर समग्र शिक्षा विभाग ने कैथल जिले में 26 लाख 75 हजार रुपये की राशि भी जारी कर दी है। जिसमें कक्षा तीसरी से दसवीं तक के विद्यार्थियों से विज्ञान व गणित विषय पर माडल बनवाए जाएंगे। सहायक परियोजना संयोजक कुशल कुमार ने बताया कि विज्ञान और गणित विषय में रुचि बढ़ाने को विभाग ने यह योजना तैयार की है।

अध्यापकों की मदद से बच्चों की विज्ञान और गणित विषय में और रुचि बढ़ेगी। माडल तैयार होने के बाद प्रत्येक खंड स्तर पर बच्चों द्वारा बनाए गए माडलों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी का अवलोकन खंड शिक्षा अधिकारी करेंगे। जिन विद्यार्थियों के माडल अच्छे होंगे। उन्हें प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा। विभाग द्वारा माडल बनाने की विधि देखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना संयोजक, सहायक परियोजना संयोजक, बीआरपी व एबीआरसी को महीने में 10-10 स्कूलों का दौरा किया जाएगा।

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