एसडी कालेज पहुंचे प्रकृति संस्कार यात्रा, नाटक से पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

हरियाणा में पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर निकली प्रकृति संस्कार यात्रा शुक्रवार को एसडी पीजी कालेज पहुंची। यहां यात्रा का शानदार स्वागत किया गया। इस दौरान सांसद संजय भाटिया मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। अध्यक्षता नगर निगम के कमिश्नर आरके सिंह ने की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 08:30 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 08:30 PM (IST)
एसडी कालेज पहुंचे प्रकृति संस्कार यात्रा, नाटक से पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
एसडी कालेज पहुंचे प्रकृति संस्कार यात्रा, नाटक से पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

जागरण संवाददाता, पानीपत : हरियाणा में पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर निकली प्रकृति संस्कार यात्रा शुक्रवार को एसडी पीजी कालेज पहुंची। यहां यात्रा का शानदार स्वागत किया गया। इस दौरान सांसद संजय भाटिया मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। अध्यक्षता नगर निगम के कमिश्नर आरके सिंह ने की।

भाजपा की जिला अध्यक्ष डा: अर्चना गुप्ता व वन मंडल अधिकारी जयकुमार विशिष्ट अतिथि रहे। एसडी पीजी कालेज प्रबंध समिति के प्रधान पवन गोयल और प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने तुलसी का पौधा भेंट किया। मंच संचालन राजीव रंजन ने किया। इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा बस के माध्यम पुस्तक मेले का आयोजन भी किया गया।

सांसद संजय भाटिया ने कहा कि जीवन में इतना कुछ पाने के बाद भी यदि ईश्वर उन्हें फिर से जीवन जीने को कहें तो वह पर्यावरण के लिए अपना जीवन न्यौछावर करेंगे। इंसान ने स्वार्थवश एवं भौतिक सुखों के लालच में पर्यावरण का दोहन और धरती का सत्यानाश किया है। किसी भी राष्ट्र के विकास का सूचकांक वहां की जीडीपी या औद्योगिक विकास से नहीं, बल्कि वहां के हैप्पीनेस इंडेक्स से आंकना चाहिए। बेतहाशा पैसे और भौतिक संसाधनों के पीछे भागने से अंत में हमें खुशी नहीं मिल पाती है। हमें प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा।

निगम कमिश्नर आरके सिंह ने कहा कि हरियाणा की नई पीढ़ी को प्रकृति शिक्षा के संस्कार से जोड़ने के लिए इस यात्रा का संयोजन किया गया है। समाज को बदलने के लिए युवा पीढ़ी को फिर से पुस्तकों के नजदीक जाना पड़ेगा। डा. अर्चना गुप्ता ने कहा कि 1992 में जब उनके क्लिनिक पर किसी मरीज में कैंसर की बीमारी का पता चलता था तो उन्हें बहुत हैरानी होती थी। अब रोज दो से तीन कैंसर के केस सामने आ रहे हैं। कैसे हमने अपनी धरती की वायु, मिट्टी और पानी को प्रदूषित कर खुद को बीमार कर लिया है। हमें किसी न किसी तरह कार्बन उत्सर्जन को कम करना होगा।

प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने पुस्तक प्रदर्शनी पर कहा कि पुस्तकें जनमानस के मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ती हैं। प्रकृति संस्कार यात्रा का उद्देश्य तभी पूर्ण होगा जब समाज और युवा पर्यावरण संकट की गंभीरता को समझेगा। गांव की सरपंच ने हरियाली से जोड़ा

शुरुआत समिति की संयोजिका रीटा रंजन द्वारा निर्देशित नाटक 'वसुंधरा बचाओ : आओ वृक्ष दूत बनें' का मंचन किया गया। प्रकृति संस्कार यात्रा में मंचित नाटक में कावेरी मुख्य पात्र है, जो गांव की सरपंच है। वैज्ञानिक की नौकरी को छोड़कर गांव में सरपंच का पद संभाल लेती है। उसके जीवन का उद्देश्य अपने गांव की धरती को हरा-भरा रखना है। इस कार्य के लिए वह अपने रिश्तों को भी दांव पर लगा देती है। अंत में सबको साथ लेकर नए समाज का निर्माण करती हैं। इस अवसर पर डा. सरिता दलाल, डा. संगीता गुप्ता, डा. संतोष कुमारी, डा. राकेश गर्ग, डा. बलजिदर सिंह मौजूद रहे।

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