कैसे थमेगा प्रदूषण, चपरासी क्‍लर्क के भरोसे पानीपत का पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड

एक अधिकारी के भरोसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड। पानीपत में इंतजाम ही नहीं। कारोबारियों को किसी तरह की चिंता नहीं। चिमनियां काला धुआं उगल रही हैं। इन्‍हें रोकने और टोकने वाला कोई नहीं है। प्रदूषण के मामले में प्रदेश में दूसरे नंबर पर पानीपत है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 20 Mar 2021 08:25 AM (IST) Updated:Sat, 20 Mar 2021 08:25 AM (IST)
कैसे थमेगा प्रदूषण, चपरासी क्‍लर्क के भरोसे पानीपत का पॉल्‍यूशन कंट्रोल बोर्ड
पानीपत में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।

पानीपत, जेएनएन। देश में मुख्य प्रदूषित शहरों में गिने जाने वाले औद्योगिक शहर पानीपत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण के मामले में पानीपत राज्य में दूसरे नंबर पर चल रहा है। प्रदूषण की गंभीर स्थिति होने के बावजूद प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड में पांच फिल्ड आफिसर के पद रिक्त पड़े हुए हैं। फील्ड आफिसर के तबादले होते रहे, लेकिन उनके स्थान पर कोई अधिकारी नहीं आया। वर्तमान में एक ही फील्ड आफिसर के भरोसे बोर्ड चल रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यमुना के प्रदूषण को रोकने के साथ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( एनजीटी )की गाइड लाइन को भी पूरा करवाने का जिम्मेवारी है। शहर में अनेक बड़े हैजरेडस यूनिट लगे हुए हैं रिफाइनरी, थर्मल, शुगर मिल, दो डिस्टलरी यहां लगी हुई है। इन सब पर भी बोर्ड को निगरानी रखनी है। 2000 से अधिक ब्वायलर उद्योग यहां लगे हैं।

कम होते गए अधिकारी, बढ़ता गया प्रदूषण

जनवरी 2020 में उद्योगों पर मानीटरिंग करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में चार फिल्ड आफिसर थे। जुलाई 2020 में तीन अधिकारी बचे। फरवरी 2021 में दो अधिकारी बचे। मार्च में फिर विपिन एसडीओ का तबादला कर दिया गया। वर्तमान में एक ही फिल्ड आफिसर प्रदीप बचे हैं। एनजीटी की गाइडलाइन लागू करवाने से लेकर यमुना में फैल रहे प्रदूषण की रोकथाम करने, कोर्ट के जवाब देने, कंसेंट देने, 2000 उद्योगों की मानीटिरंग करने की जिम्मेदारी उन पर है। इतनी अधिक जिम्मेदारी एक अधिकारी कैसे निभा सकता है।

पांच पद खाली होने से उद्योग लापरवाह

बोर्ड में अधिकारियों के न होने के कारण उद्योग को खुल कर प्रदूषण फैला रहे हैं। उन्हें रोकने टोकने की व्यवस्था नहीं है। एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ता जा रहा है। आन लाइन सुविधा होने के बाद समय पर काम नहीं हो पा रहा। बोर्ड में एसीसटेंट (सहायक) का पद भी रिक्त पड़ा हुआ है।

क्लर्क का काम चपरासी के जिम्मे

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सहायक का पद रिक्त होने के कारण क्लर्क का काम चपरासी से लिया जा रहा है। उद्योगों की जांच तक नहीं हो पा रही है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स 160 से अधिक

शुक्रवार रात 9 बजे पानीपत की एयर क्वालिटी इंडेक्स 160 अंक पार कर गया। जो रेड कैटगरी में गिना जाता है।

समस्या गंभीर

बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी एस नारायाणन का कहना है कि समस्या गंभीर बनी हुई है। भर्ती के लिए पब्लिक सर्विस कमिशन को रिप्रेजेंटेशन दी जा चुकी है। जिसमें समय लगना है। इसके लिए अन्य विभागों से डेपूटेशन पर अधिकारियों को लेने का प्रस्ताव है। जो फाइनल स्टेज पर है। पूरे प्रदेश में स्टाफ की कमी है। पानीपत में अधिक है। जल्द ही समस्या का हल होगी।

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