पंजाब और हरियाणा की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम पहुंची कैथल, घग्गर नदी को लेकर जताई चिंता
पंजाब और हरियाणा से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम ने घग्गर नदी के पानी का सैंपल लिया। कैथल के कई गांवों से होकर नदी गुजरती है। सैंपलों को हिसार के लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। घग्गर नदी हरियाणा से होते हुए पंजाब में जाकर मिलती है। कैथल जिले के कई गांव हैं जहां से यह नदी निकलती है। विभिन्न गांवों से गंदे पानी को सीधा घग्गर नदी में डाला जा रहा है, जिससे लगातार पानी दूषित हो रहा है। नदी के पानी को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ली हुई है।
पंजाब और हरियाणा से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम ने घग्गर नदी से पानी के 24 सैंपल लिए हैं। इनमें आठ सैंपल हरियाणा और 16 सैंपल पंजाब के गांवों से लिए गए हैं। सैंपलों को जांच के लिए हिसार स्थित लैब में भेजा जाएगा। अगर सैंपल फेल आते हैं तो बोर्ड की ओर से संबंधित गांव के बीडीपीओ को नोटिस जारी किए जाएंगे। हरियाणा के गांव धनौटा, भाटिया, भागल चीका ड्रेन, घग्गर क्रीक और पंजाब के गांव सागरा, रतनहेडी, पटियाला ड्रेन, खनौरी, मूणक से सैंपल लिए गए हैं। टीम में पटियाला प्रदूषण बोर्ड के एसडीओ सुरेंद्र जीत, प्रदूषण बोर्ड संगरुर एसडीओ सचिन सिंगला और प्रदूषण बोर्ड कैथल से एसडीओ विकास कुमार शामिल रहे।
दूषित हो रहा है ड्रेनों में बहने वाला पानी
ज्यादातर ड्रेनों का इस्तेमाल गांव के गंदे पानी की निकासी के लिए किया जा रहा है। लगभग सभी ड्रेनें नदियों में मिलती हैं। ऐसा करने से नदियों का पानी भी लगातार दूषित हो रहा है। कई गांव ऐसे हैं, जिन्होंने गंदे पानी की निकासी के लिए ड्रेनों में प्वाइंट बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन की ओर से कई बार उन प्वाइंटों को चिन्हित करने के लिए निर्देए दिए हैं। जन स्वास्थ्य विभाग, नगर परिषद और बीडीपीओ विभाग से प्रदूषण बोर्ड ने एक्शन प्लान भी मांगा हुआ है ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके। नियम के अनुसार ड्रेन में डालने से पहले पानी को ट्रीट करना होता है, लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ विकास कुमार ने बताया कि पंजाब की टीम के साथ मिलकर गग्गर नदी के 24 सैंपल लिए गए हैं। इन्हें जांच के लिए हिसार लैब भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।