यमुना का सच जानने को लिए सैंपल, पंचकूला से आएगी रिपोर्ट
यमुना में बढ़ रहे प्रदूषण के चलते पानीपत के ट्रीटमेंट प्लांट के पानी की सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। दिल्ली में पहुंच रहे पानी में अमोनिया अधिक आने की शिकायत आई। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमों ने जांच की।
पानीपत, जेएनएन। दिल्ली पहुंच रहे पानी में अमोनिया अधिक आने की शिकायतों के बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमों ने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पानी की सैंपल लिए हैं। सिवाह स्थित 25-35 एमएलडी, जाटल रोड पर बने 25-10 एमएलडी क्षमता के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट सहित बरसत रोड के 30 एमएलडी क्षमता के एसटीपी के पानी के सैंपल लिए गए हैं। इन सैंपल को जांच के लिए पंचकूला लैब में भेजा गया है। सैंपल फेल आते हैं तो बोर्ड के नियमानुसार एसटीपी को नोटिस जारी किए जाएंगे।
दिल्ली में हरियाणा से जा रहे अमोनिया युक्त पानी की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा को राहत दी है। कोर्ट ने इसके लिए दिल्ली को ही दोषी बताया है। हरियाणा में यमुना में गंदा पानी छोड़ने पर नियंत्रण करने के लिए उठाए जा रहे कदमों को ठीक बताया।
अब पानी बाईपास नहीं होगा
यमुना में एसटीपी, सीइटीपी से होने वाले साफ पानी के अलावा ड्रेन नंबर एक से शहर का गंदा पानी बायपास होकर जा रहा है। सिवाह में बने एसटीपी की जल शोधन की क्षमता 35-25 है। जबकि इनको 13-18 एमएलडी पानी ही मिल रहा है। करोड़ों रुपये की लागत के इन एसटीपी के बावजूद पानी बायपास होकर यमुना में जा रहा है। इस समस्या को अब हल किया गया है। सेक्टर 25 में ड्रेन नंबर एक के पानी को सीवर से जोड़ दिया गया है। अब ड्रेन का पूरा पानी एसटीपी में साफ होने के लिए जाएगा। यमुना में बायपास होकर गंदा पानी नहीं जा सकेगा। शहर में 90 एमएलडी गंदा पानी घरों, संस्थानों से निकलता है।
यमुना दूषित नहीं होगी
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ कमलजीत का कहना है कि ड्रेन नंबर एक पूरे शहर का गंदा पानी आता है। इसे सेक्टर 25 में सीवर से जोड़ दिया गया है। अब यह पानी एसटीपी में जाएगा। वहां साफ होने के बाद यमुना में जाएगा। इससे एसटीपी की पानी की कमी पूरी होगी। साथ यमुना गंदी होने से बचेगी।