प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किया टायर पायरोलियसिस प्लांट सील

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने अवैध रूप से चल रहे टायर पायरोलिएसिस प्लांट को सील कर दिया। यह उद्योग बिना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कंसेंट के चल रहा है।

By Edited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 07:10 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 07:10 AM (IST)
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किया टायर पायरोलियसिस प्लांट सील
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने किया टायर पायरोलियसिस प्लांट सील

पानीपत, जेएनएन। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने अवैध रूप से चल रहे टायर पायरोलिएसिस प्लांट को सील कर दिया। यह उद्योग बिना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कंसेंट के चल रहा है। बोर्ड के अधिकारियों को शिकायत मिली कि एनसी कॉलेज के पीछे एक उद्योग चल रहा है, जो काला धुआं छोड़कर वायु प्रदूषण फैला रहा है। बोर्ड शिकायत की जांच करने के लिए पहुंचा। उद्यमी के पास कोई अनुमति नहीं मिली। अवैध रूप से चल रहे इस उद्योग को मौके पर ही क्लोजर नोटिस जारी किया गया। क्लोजर नोटिस का जवाब न देने पर उद्योग को सील कर दिया गया।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया कि उद्योगों को कंसेंट लेनी चाहिए। बिना कंसेंट वाले उद्योगों की सील किया जा रहा है। 127 ब्लीच उद्योगों की जांच, 48 के खिलाफ मामला कोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 127 ब्लीच हाउस की जांच पूरी कर ली है। इन उद्योगों में 48 उद्योग सील के बावजूद चलते मिले हैं। इन्हें दोबारा सील किया गया है। अब इनका मामला पर्यावरण अदालत में डाला जाएगा। कोर्ट के आदेश के अनुसार इनके खिलाफ अगली कार्रवाई होगी। जांच में 62 उद्योग स्थायी रूप से बंद मिले। 17 नए उद्योग चलते मिले। इन्हें क्लोजर नोटिस जारी किया जा चुका है।

तहसीलदार से मांगा जमीन का रिकॉर्ड दोबारा सील किए गए उद्योगों की जमीन का रिकॉर्ड तहसीलदार से मांगा गया है। जिन लोगों की जमीन पर ब्लीच हाउस चल रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिना नाम के चल रहे इन ब्लीच हाउसों की मालिकों की पता मिलता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। ज्यादातर किसानों ने बिना किरायानामा के ही ब्लीच हाउस चलाने के लिए जमीन दे रखी है।

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