पराली जलाने के सिर्फ नुकसान ही नुकसान, किसानों को जागरूक करने को सरकार करेगी यह काम

फसल कटाई के समय अवशेष जलाने के मामले सामने आते हैं। इस बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। प्रदूषण बोर्ड के कर्मचारी किसानों को फसल अवशेषों में आगजनी से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 05:55 PM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 05:55 PM (IST)
पराली जलाने के सिर्फ नुकसान ही नुकसान, किसानों को जागरूक करने को सरकार करेगी यह काम
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगी।

कैथल, जेएनएन। गेहूं का सीजन शुरू हो चुका है और किसानों ने फसलों की कटाई का कार्य भी शुरू कर दिया है। फसलों की कटाई के साथ-साथ फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाएं भी सामने आती हैं। जिला प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से किसानों को जागरूक भी किया जाता है। किसानों पर केस भी दर्ज होते हैं। हालांकि धान के सीजन में आगजनी की ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं।

इस बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। बोर्ड की ओर से एसडीओ विकास कुमार की अध्यक्षता में टीम का गठन कर दिया गया है। प्रदूषण बोर्ड के कर्मचारी किसानों को फसल अवशेषों में आगजनी से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे। किसानों को जागरूक करने के लिए बोर्ड की टीम बैनर, पर्चे और किसानों के पास जाकर अभियान चलाएगी।  

बढ़ जाते हैं सड़क हादसे

किसानों को बताया जाएगा कि फसल अवशेषों में आग लगाने से वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। स्तर बढ़ने के कारण लोगों को कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। सांस लेने में परेशानी, गले में खराश और आखों में जलन की मुख्य समस्या होती है। इतना ही नहीं किसान सड़क किनारे अवशेषों में आग लगा देते हैं। इससे निकलने वाले धुंए से सड़क हादसे होने का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। वाहन चालकों को धुंए के कारण परेशानी उठानी पड़ती है। इसके अलावा आगजनी से जमीन की उपजाऊ शक्ति भी नष्ट होती है।  

लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता असर

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ विकास कुमार ने बताया कि गेहूं के सीजन के साथ ही फसल अवशेषों में आगजनी की घटनाएं भी सामने आती हैं। बोर्ड की ओर से किसानों को जागरूक किया जाएगा कि वे फसल अवशेषों में आग न लगाएं। धुएं से वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।  

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