यमुनानगर शहर में सीसीटीवी लगाने की योजना, तय नहीं, लगाएगा कौन

नगर निगम व गृह विभाग के बीच फंसी शहर में 28 प्वाइंट पर कैमरे लगाने की योजना। यमुनानगर में करोड़ों की सीसीटीवी योजना पर पानी पर फिर जाता है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि कैमरे कौन लगाएगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 01:53 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 01:53 PM (IST)
यमुनानगर शहर में सीसीटीवी लगाने की योजना, तय नहीं, लगाएगा कौन
यमुनानगर शहर में सीसीटीवी लगाने की योजना।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर शहर के 28 प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना नगर निगम व गृह विभाग के बीच फंस कर रह गई है। तीन साल में दोनों विभाग यह निर्णय नहीं ले सके कि कैमरे कौन लगाएगा। कैमरे लगाने पर करोड़ों का एस्टीमेट देख कर नगर निगम ने फाइल को पुलिस विभाग के पास खिसका दिया था। तब से यह फाइल भी पुलिस कार्यालय में ही अटकी पड़ी है। यदि यही हाल रहा तो पंचकूला व चंडीगढ़ की तर्ज पर कभी शहर में कैमरे नहीं लग पाएंगे। जिसका फायदा उठाकर अपराधी ऐसे ही बचकर निकल जाएंगे। जबकि इस बार तो रोड सेफ्टी की मीटिंग में कुरुक्षेत्र सांसद नायब सैनी खुद भी शहर में कैमरे लगाए जाने का मामला उठा चुके हैं।

सर्वे में चिह्नित किए थे 28 प्वाइंट

शहर की सुरक्षा को चाक चौबंद करने तथा अपराध को अंजाम देने वालों की पहचान करने वालों की पहचान के लिए शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी। कैमरे लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई थी। इसके लिए निगम अधिकारियों ने वर्ष 2018 में शहर का सर्वे करवा कर कैमरे लगाने के लिए 28 प्वाइंट को चिह्नित किया था। ये प्वाइंट ऐसे थे जो सबसे व्यस्तम हैं और जहां चारों दिशाओं से शहर में लोगों की एंट्री होती हैं। इनमें सहारनपुर रोड, रादौर रोड, अंबाला रोड, वर्कशाप रोड, बिलासपुर रोड, छछरौली रोड के अलावा शहर के मुख्य चौराहे व व्यस्तम बाजार शामिल थे। 2018 में ही सरकार ने निर्णय लिया कि सीसीटीवी शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग की बजाय पुलिस विभाग लगाएगा। इसलिए निगम ने पूरा एस्टीमेट तैयार कर ट्रैफिक पुलिस को सौंप दी थी।

साढ़े नौ करोड़ रुपये का बजट चाहिए

सीसीटीवी लगाने के लिए निगम ने साढ़े नौक करोड़ रुपये का मोटा एस्टीमेट बनाया था। एक साथ इतना पैसा खर्च करने के मूड़ में पुलिस विभाग नहीं है। बताया जा रहा है कि पंचकूला में भी इसी तरह कैमरे लगाए गए थे, परंतु वहां पर इतना खर्च नहीं आया था। अब सुनने में आया है कि पुलिस विभाग कैमरों के लिए पंचकूला पुलिस का भी सहयोग लेगा। उनसे पूछा जाएगा कि पंचकूला में इतने कम खर्च पर उन्होंने कितने कैमरे लगाए हैं, ताकि उसी फार्मूले पर यमुनानगर में भी काम किया जा सके। शहर में स्नेचिंग, लूट, हत्या, चोरी जैसी वारदातें होती रहती हैं। झपटमारों का ज्यादातर शिकार महिलाएं होती हैं। कई वारदात लोगों के घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुलझी। इसलिए शहर में प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी है।

चौराहों पर लगे कैमरे भी खराब

इससे पहले पुलिस ने विश्वकर्मा चौक, कमानी चौक, अग्रसेन चौक, बूड़िया चौक, सरनी चौक पर सीसीटीवी लगाए थे। ये कैमरे अभी लगे हुए हैं परंतु काम कोई नहीं करता। इनका कंट्रोल रूम ट्रैफिक थाने में बनाया गया था। इनकी मदद से पुलिस चौराहों पर यातायात नियम तोड़ने वालों के चालान करती थी।

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