तीर्थ यात्री कर सकेंगे 48 कोस के 16 तीर्थ स्थलों की यात्रा, 50 रुपये प्रति सवारी किराया

कुरुक्षेत्र जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए अच्‍छी खबर है। तीर्थ यात्री 48 कोस के 16 तीर्थ स्‍थलों की यात्रा अब बस से कर सकेंगे। इस बस में प्रति यात्री 50 रुपये किराया लिया जाएगा। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कार्यालय से इसका शुभांरभ किया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 05:31 PM (IST)
तीर्थ यात्री कर सकेंगे 48 कोस के 16 तीर्थ स्थलों की यात्रा, 50 रुपये प्रति सवारी किराया
कुरुक्षेत्र में यात्रा को तीर्थ यात्रियों को राहत।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कोरोना काल के बाद 48-कोस कुरुक्षेत्र के 16 तीर्थो के लिए 48 कोस तीर्थ परिक्रमा बस सेवा को शुरू कर दिया गया है। बस में एक यात्री 50 रुपये के टिकट पर तीर्थों का भ्रमण कर सकेंगे। ब्रह्मसरोवर स्थित कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कार्यालय से शनिवार को 48 कोस तीर्थ परिक्रमा बस सेवा का दोबारा शुरू की। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने झंडी दिखाकर बस सेवा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के कारण यह बस सेवा बंद कर दिया था। अब धीरे धीरे स्थिति सामान्य हो रही है और पर्यटकों की भी संख्या बढ़ने लगी है। यात्रियों व पर्यटकों की सुविधा को जहन में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशानुसार बस सेवा को दोबारा शुरू किया गया है।

यहां से चलेगी बस

मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने बताया किबस हर रोज सुबह नौ बजे ब्रह्मसरोवर स्थित कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के कार्यालय से चलेगी। यह बस सबसे पहले रंतुक यक्ष बीड़ पिपली पहुंचेगी। यहां सेे अभिमन्यू का चक्र स्थल अमीन, बाणगंगा दयालपुर, कुलतारण तीर्थ किरमिच, काम्यक तीर्थ कमौदा, शालिहोत्र तीर्थ सारसा, सरस्वती तीर्थ पिहोवा, भौर सैयदा तीर्थ, ज्योतिसर तीर्थ, भीष्म कुंड नरकातारी, मां भद्रकाली मंदिर, सन्निहित तीर्थ व आरती स्थल ब्रह्मसरोवर पर सायं पांच बजे पहुंचेंगी।

बस के लिए पहले करवा सकेंगे बुकिंग

बस के लिए बुकिंग केडीबी के दूरभाष नंबर 01744-270187, 259505 और वेबसाइट केडीबीडाटकामडाटइन पर करा सकते हैं। तीर्थ यात्रा के लिए प्रत्येक सवारी से 50 रुपये का टिकट लगाया गया है। एडीसी अखिल पिलानी ने कहा कि 48 कोस कुरुक्षेत्र के तीर्थों का अलग महत्व है। लोगों को यहां जाकर उनके बारे में जानकारी लेनी चाहिए। इस धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का संदेश दिया था। आज गीता के संदेशों को हर व्यक्ति अपना रहा है।

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