Digital युग में विद्यार्थियों को मिला ब्लैक बोर्ड से छुटकारा, हरियाणा में बदल रही राजकीय स्कूलों की तस्वीर

हरियाणा में सरकार राजकीय स्कूलों की तस्वीर बदलने को लेकर प्रयासरत है। राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियो को हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाया जा सके और उन्हें बेहतर सुविधा मिले। इसी कड़ी में विद्यार्थियों को डिजिटल बोर्ड पर पढ़ाया जाता है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 07:47 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 07:47 PM (IST)
Digital युग में विद्यार्थियों को मिला ब्लैक बोर्ड से छुटकारा, हरियाणा में बदल रही राजकीय स्कूलों की तस्वीर
पानीपत में राजकीय स्कूल काबड़ी में डिजिटल बोर्ड पर विद्यार्थियों को पढ़ाई कराते शिक्षक

पानीपत, जागरण संवाददाता। हरियाणा में सरकार राजकीय स्कूलों की तस्वीर बदलने को लेकर प्रयासरत है। राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियो को हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाया जा सके और उन्हें बेहतर सुविधा मिले। इसको लेकर प्रदेश के 137 राजकीय माडल संस्कृति स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ा गया है। लेकिन जिले के गांव काबड़ी का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भी किसी मिसाल से कम नहीं है। जहां न केवल विद्यार्थियों को डिजिटल बोर्ड पर पढ़ाया जाता है, बल्कि लाइट व सुरक्षा आदि की बेहतर सुविधा से लेकर स्टाफ तक पूरा है। ऐसे में विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं आती है। जिसका परिणाम ये है कि इस सत्र में 450 नए विद्यार्थियों ने स्कूल में दाखिला लिया है।

ब्लैक की जगह डिजिटल पर पढ़ाई

स्कूल के प्रिंसिपल रणबीर जागलान ने बताया कि स्कूल में छह डिजिटल बोर्ड लगे हैं। ऐसे में शिक्षक ब्लैक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड पर पढ़ाई कराते हैं। उक्त बोर्ड पर पढ़ाई कराने के साथ विद्यार्थियों को अन्य जानकारी भी दी जाती हैं। डिजिटल तकनीक ने शिक्षा प्रणाली को आसान बना दिया है। उन्होंने बताया कि बोर्ड की कक्षा के छात्रों को स्कूल समय के बाद भी संबंधित विषयों के अध्यापक अतिरिक्त क्लास तक लेते हैं, ताकि वार्षिक परिणाम बेहतर रहे। स्कूल में करीब 2000 पुस्तकों के भंडारण के साथ डिजिटल पुस्तकालय भी है। ब्यूटी वेलनेश की स्पेशल शिक्षा दी जाती है।

इस सत्र में बढ़े 450 विद्यार्थी

स्कूल में बेहतर सुविधाओं के साथ प्रिंसिपल व स्टाफ ने महामारी के बीच समय का सदुपयोग कर अभिभावकों को जागरूक कर स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का काम किया। प्रिंसिपल के मुताबिक पहली से बारहवीं कक्षा में पिछले सत्र में 2250 बच्चे थे। इस सत्र में 450 नए विद्यार्थियों ने स्कूल में दाखिला लिया। अब संख्या 2700 तक जा पहुंची है। हर कक्षा में 4 से 5 सेक्शन बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने की इच्छा रखने वाले बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाया जाता है। इसके लिए कई कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम के सेक्शन बनाए गए हैं। स्कूल में 97 शिक्षकों का स्टाफ है।

24 घंटे बिजली सुविधा

ग्रामीण आंचल के काफी स्कूलों में बिजली सप्लाई को लेकर परेशानी आड़े आती है। लेकिन उक्त स्कूल में सोलर सिस्टम से 24 घंटे बिजली सुविधा है। ऐसे में विद्यार्थी गर्मी के दिनों में बिना परेशानी के आराम से पढ़ाई करते हैं। वहीं सुरक्षा के लिहाज से स्कूल परिसर से लेकर हर कक्षा में निगरानी को लेकर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। हर्बल वाटिका गार्डन भी स्थापित है। मेडिकल बूस्ट अलग से स्थापित किया गया है, जिसमें विद्यार्थियों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है। वहीं कमरों पर पेंटिंग कर एक शैक्षणिक रेल भी बनाई गई है।

विद्यार्थी भी नाम कर रहे रोशन

शारीरिक शिक्षा विषय के अध्यापक नरेश रावल ने बताया कि बेहतर सुविधा व माहौल मिलने पर स्कूल के विद्यार्थी खेल से लेकर अन्य क्षेत्र में नाम रोशन कर रहे हैं। वर्ष 2019-20 में विद्यार्थी युवा ससंद कार्यक्रम में कमिश्नरी स्तर पर द्वितीय स्थान मिला। 2020 में मुख्यमंत्री सौंदर्य पुरस्कार से नवाजा गया था।

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