पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैला भ्रूण लिंग जांच का जाल, छह साल में 136 लोग हुए गिरफ्तार
अंबाला के लोग भ्रूण लिंग जांच के लिए पंजाब और यूपी की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे लोग दो राज्य होने से कार्रवाई से बचने का प्रयास करते हैं। 2015 में 9 और वर्ष 2016 में 13 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।
अंबाला, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले छह वर्ष में लिंग जांच करने पर 47 लोगों पर एफआइआर दर्ज कराई है। इस दौरान 136 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। इसके अलावा 23 अल्ट्रासाउंड मशीनें भी जब्त की गईं। स्वास्थ्य विभाग ने अंबाला ही नहीं बल्कि यहां के जो लोग पंजाब, कुरुक्षेत्र, युमनानगर, उत्तर प्रदेश में लिंग जांच करवाते रहे, वहां भी छापमारी की। हाल में ही पंजाब के लुधियाना में छापामारी कर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया।
बता दें वर्ष 2015 में 9 और वर्ष 2016 में 13 लिंग जांच करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की। वर्ष 2013 में सबसे ज्यादा लिंग जांच के मामले पकड़ में आए थे। इसमें पंजाब में पिछले 6 वर्ष में 19 लिंग जांच करते चिकित्सक और सेंटर संचालकों पर एफआइआर दर्ज की गई। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो पंजाब और यूपी नजदीक के राज्य होने से लोग लिंग जांच को ज्यादा जाते हैं। ऐसे में दो राज्य होने से कार्रवाई से बचने का प्रयास करते हैं।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो नियमित छापेमार और एफआइआर दर्ज होने लिंग अनुपात में भी सुधार होने लगा है। डिप्टी सिविल सर्जन डा. बलविंदर कौर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम लिंग जांच करने वालों पर गोपनीय तरीके से छापेमारी करती है। इसके लिए विभाग की तरफ से कार्रवाई जारी रहती है।
लिंग जांच में पंजाब में तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया
अंबाला से मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पंजाब के लुधियाना में छापेमारी की थी। यहां पर रतन मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में भ्रूण जांच कर बेटा बताने का पर्दाफाश हुआ था। मौके पर ही छापेमारी कर अल्ट्रासाउंड मशीन सील कर दी और पंजाब पुलिस की मदद से डा. अमरजीत सिंह को पकड़ लिया है। इस दौरान 40 हजार रुपये में भ्रूण लिंग जांच की फीस तय की गई थी। अंबाला की टीम ने यहां 11 अप्रैल 2017 को भी छापेमारी की थी और अस्थायी रूप से पीसीपीएनडीटी (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम) के तहत अस्थायी रूप में लाइसेंस रद कर दिया था।
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