एक अफवाह पर बिना स्लॉट टीका लगवाने पहुंचे, कोरोना संक्रमण का बढ़ा खतरा

इंटरनेट मीडिया पर एक अफवाह ने शहर के लोगों पर कोरोना का टीकाकरण के लिए निकल पड़े। इससे कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतारा और अधिक हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:40 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:40 AM (IST)
एक अफवाह पर बिना स्लॉट टीका लगवाने पहुंचे, कोरोना संक्रमण का बढ़ा खतरा
एक अफवाह पर बिना स्लॉट टीका लगवाने पहुंचे, कोरोना संक्रमण का बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता, पानीपत : इंटरनेट मीडिया पर एक अफवाह ने शहर के लोगों पर कोरोना का खतरा बढ़ा दिया। राजाखेड़ी स्थित सत्संग हाल में कोरोना वैक्सीनेशन कैंप लगा था। किसी ने वाट्सएप पर पोस्ट डाल दी कि बिना स्लॉट ही टीका लग जाएगा। केवल रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। टीका लगवाने के लिए यहां पर हजारों लोग पहुंच गए। शारीरिक दूरी का फासला तो पूरी तरह खत्म हो गया। सैकड़ों लोगों ने मास्क भी नहीं लगाया हुआ था। कई लोग तो बच्चों के साथ ही यहां पहुंच गए। पहले तो लोग प्रशासन को कोसते रहे। लेकिन जब पता चला कि पोस्ट गलत थी, तो लोगों को गलती का अहसास हो गया। कैंप भी केवल राजाखेड़ी और कुटानी के लोगों के लिए लगा था। हजारों लोगों के पहुंचने पर कैंप को बीच में ही बंद करना पड़ गया।

आसन कलां में बनाया आइसोलेशन सेंटर : जैसे-जैसे कोविड-19 महामारी गांव की ओर फैल रही है, निवर्तमान ग्राम पंचायतें भी सावधानियां बरत रही हैं। इसी कड़ी के तहत गांव आसन कलां ग्राम पंचायत ने गांव के सरकारी स्कूल में 10 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया है। ऑक्सीजन गैस के साथ-साथ सैनिटाइजर का भी प्रबंध किया है। निवर्तमान सरपंच कृष्ण कुमार अनेजा ने बताया कि गांव के लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसी कारण गांव के स्कूल में ही सेंटर बनाया गया है। हरियाणवी रागनी सुन और सांग देख कोरोना को हराया मैं गांव चुलकाना स्थित राजकीय प्राइमरी कन्या स्कूल में अध्यापक हूं। सितंबर-2020 में कोरोना संक्रमित हुआ था।डरकर एक कमरे में बंद होने की बजाय मैंने खेतों में खूब फावड़ा चलाया। हरियाणवी रागनी सुनी, राजा हरिश्चंद्र और पिगला-भरतहरि का सांग देखा और कोरोना को हरा दिया।

स्कूल में न तो कोई बच्चा कोरोना पॉजिटिव मिला था और न ही परिवार के सदस्य संक्रमित मिला था। मैं कहां संक्रमित हुआ, पता भी नहीं लगा। सिविल अस्पताल के डाक्टर ने 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए थे। मैंने अपना ठिकाना घर के तृतीय तल को बना लिया था। मैंने हौसला नहीं खोया, खुद को किसी न किसी कार्य में व्यस्त रखा। घर में बना सादा भोजन ही सेवन किया। कोविड होने से पहले मेरा वजन 78 किलोग्राम था, पेट बाहर निकला था। उन 14 दिनों का मैंने इस्तेमाल करते हुए खेतों में फावड़ा चलाया और चार किलोग्राम वजन कम कर लिया था। घर में 88 साल की मां अनारो देवी, पत्नी विमला सहित एक बेटा और एक बेटी है। सभी मुझसे दूरी बनाकर बात करते थे। कोरोना संक्रमित मरीज घर में है, ऐसा डर परिवार के किसी सदस्य के मन में नहीं था।

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