रेलवे को नुकसान, जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन में नहीं बढ़ रही यात्रियों की संख्या
कैथल से होकर जाने वाली जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ रही। कैथल में कोरोना काल के बाद हालत सामान्य होने के बावजूद रेल यात्रियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही। सामान्य दिनों से 50 फीसद कम है।
कैथल, जेएनएन। कोरोना महामारी के बाद कैथल, जींद और रोहतक से चंडीगढ़ जाने के लिए केवल एकमात्र ट्रेन जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस को अक्टूबर में चलाया गया था। परंतु इस ट्रेन के चलने के चार महीने बाद भी यात्रियों की संख्या में इजाफा नहीं हो पाया है। अब इस ट्रेन में सामान्य दिनों की अपेक्षा 50 प्रतिशत तक टिकटें भी नहीं बुक हो पा रही हैं।
बता दें कि यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चल रही है। इस ट्रेन के माध्यम से कैथल से रोहतक, जींद और चंडीगढ़ जाने के लिए लोग इस ट्रेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब इस ट्रेन में काफी कम यात्रियों के सफर करने के कारण रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना महामारी से पहले इस एक्सप्रेस ट्रेन में सीटें फुल रहती थी। यहां से चंडीगढ़ और जयपुर जाने वाले यात्रियों को रिजर्वेशन करवाते समय वेटिग लिस्ट में टिकट बुक करवानी पड़ती थी। अब कोरोना के कारण स्थिति यह है कि एक दिन में कैथल से केवल सात से आठ लोग ही इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए टिकट बुक करा रहे हैं। जबकि पूरे रूट में एक दिन में महज 150 से 200 टिकटें ही बुक हो रही है। जबकि सामान्य दिनों में इसी ट्रेन में 600 से 800 यात्री आरक्षित सीटों पर और सामान्य बोगी में हजारों यात्री सफर करते थे।
हिमाचल जाने के लिए इस रूट पर है एकमात्र ट्रेन
जयपुर-दौलतपुर चौक इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन पहले केवल चंडीगढ़ तक ही जाती थी, लेकिन फरवरी माह में इस ट्रेन को रेलवे ने हिमाचल के ऊना जिले में स्थित दौलतपुर चौक स्टेशन तक बढ़ाया था। यह हिमाचल प्रदेश का अंतिम रेलवे स्टेशन है। यहां से ऊना जिले में स्थित मां चितापूर्णी और ज्वाला देवी काफी कम दूरी पर स्थित है। इसलिए यात्री इस ट्रेन के माध्यम से माता के दर्शनों के लिए भी पहुंच सकते हैं।
पहले की अपेक्षा कम है यात्रियों की संख्या
कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन से टिकट इंचार्ज विनोद कुमार ने बताया कि एक्सप्रेस गाड़ी शुरू होने के बाद कैथल और कुरुक्षेत्र से इस ट्रेन की यात्रियों की संख्या पहले की अपेक्षा काफी कम है। कोरोना काल से पहले दोनों जिलों में 200 से अधिक टिकटें बुक हो जाती थी। परंतु वर्तमान में महज 100 के करीब टिकटें बुक हो रही हैं।
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