शिक्षा विभाग कार्यालय में तनातनी, कैथल में अधिकारी, अभिभावक और निजी स्‍कूल आमने सामने

कैथल में शिक्षा विभाग और अभिभावकों के बीच तनातनी देखने को मिली। अभिभावकों ने सीएम विंडो पर स्कूल के खिलाफ एक साथ 300 शिकायतें दी हैं। मैनेजमेंट ने सबके नंबर ब्लॉक किए। इससे खफा होकर अभिभावक डीईओ ऑफ‍िस पहुंचे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 01:45 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 01:45 PM (IST)
शिक्षा विभाग कार्यालय में तनातनी, कैथल में अधिकारी, अभिभावक और निजी स्‍कूल आमने सामने
कैथल में शिक्षा अधिकारियों से रोष जताते अभिभावक।

कैथल, जेएनएन। कैथल में शिक्षा विभाग कार्यालय में जबरदस्‍त हंगामा शुरू हो गया है। पहले अभिभावक फीस मुद्दे को लेकर शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंच गए। वहां उन्‍होंने कार्यालय के अंदर ही धरना शुरू कर दिया। तभी निजी स्‍कूल संचालक भी पहुंच गए और उन्‍होंने ताला जड़ दिया।

दरअसल, सरकार के आदेशों के बाद निजी स्कूलों के बंद होने के बाद अब अभिभावकों ने निजी स्कूलों पर ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगाने का आरोप लगाया है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल बंद होने के बाद स्कूल उनके बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं नहीं लगाई जा रही हैं। स्कूल दाखिला फीस की मांग कर रहे हैं। अभिभावक आरोप लगा रहे हैं कि जिन विद्यार्थियों ने फीस भर रखी है, केवल उन्हीं की ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। बाकी के फोन नंबर स्कूल ने ब्लॉक कर दिए हैं।

डीईओ के साथ बैठक के लिए अभिभावक कार्यालय पहुंच गए। कैथल में अभिभावकों ने डीईओ कार्यालय पर कब्ज़ा किया। कार्यालय के भीतर ही कुर्सी के सामने धरना देकर बैठ गए। अभिभावकों ने अधिकारियों के सामने ही गुस्‍सा जाहिर किया। अभिभावकों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। अभिभावकों को जिला शिक्षा अधिकारी ने लिखित में आश्वासन दिया।

जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने अभिभावकों के सामने ही निजी स्कूलों के लिए निकाले गए पत्र पर हस्ताक्षर किये। उसमें लिखा गया है कि स्कूल फॉर्म-6 में वर्णित फीस ही ले सकेंगे। इसके अलावा कोई स्कूल ज्यादा फीस लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वहीं,  जहां अभिभावक डीईओ कार्यालय में धरने पर बैठे , उसी समय प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बाहर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर पर ताला जड़ दिया है। उनकी मांग है कि निजी स्कूलों को बंद नहीं किया जाए। इससे उनकी रोजी रोटी के लाले पड़ जाएंगे। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में तो सब पहले के जैसे चल रहा है, लेकिन प्राइवेट स्कूलों को पूरी तरह से बंद करने का दबाव बनाया जा रहा है। इन स्कूलों से हजारों लोग जुड़े हैं, जिनकी रोजी रोटी स्कूल खुलने से ही चलती है।

बता दें कि दूसरी प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन भी वीरवार को  इसी मसले को लेकर लघु सचिवालय में घेराव कर चुकी है। स्कूलों ने अब अपने-अपने अध्यापकों और बच्चों के अभिभावकों को  भी विरोध प्रदर्शन में जोड़ लिया है। यह सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।

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