जगन्नाथ का जयघोष, सांसद ने कंधे पर उठाया

स्वामी मुक्तानंद महाराज ने कहा कि पूरा वर्ष भक्त भगवान के दर्शन करने आते हैं। भगवान जगन्नाथ खुद बलराम सुभद्रा के साथ भक्तों से मिलने आते हैं। उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। दुख दर्द सुनते हैं। स्वामी मुक्तानंद जगन्नाथ रथ यात्रा के महात्म पर प्रकाश डाल रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 09:51 AM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 09:51 AM (IST)
जगन्नाथ का जयघोष, सांसद ने कंधे पर उठाया
जगन्नाथ का जयघोष, सांसद ने कंधे पर उठाया

जागरण संवाददाता, पानीपत : स्वामी मुक्तानंद महाराज ने कहा कि पूरा वर्ष भक्त भगवान के दर्शन करने आते हैं। भगवान जगन्नाथ खुद बलराम, सुभद्रा के साथ भक्तों से मिलने आते हैं। उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। दुख दर्द सुनते हैं। स्वामी मुक्तानंद जगन्नाथ रथ यात्रा के महात्म पर प्रकाश डाल रहे थे। उन्होंने सुबह भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की।

जगन्नाथ मंदिर में पहुंचे विधायक प्रमोद विज ने गणेश पूजन व मूर्तियों का पूजन किया। मेयर अवनीत कौर व उनके पिता भूपेंद्र सिंह भी जगन्नाथ यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने मूर्तियों का पूजन किया। सांसद संजय भाटिया ने भगवान जगन्नाथ को रथ में सवार करवाया। कंधे पर उठाकर लाए। उन्होंने मंदिर समिति को 11 लाख रुपये अनुदान देने की घोषणा भी की।

सूक्ष्म रूप से रथ यात्रा कार्यक्रम होने के कारण इस बार बैंड बाजे शामिल नहीं किए गए। नपेरी बजाई गई। साथ ही भक्त संकीर्तन करते हुए रथ यात्रा के साथ चले। जगन्नाथ मंदिर से चल कर रथ यात्रा अमर भवन चौक, राजपुताना बाजार, धारी वाला चौक, गुड़ मंडी, मैन बाजार, वीर भवन चौक, जगन्नाथ विहार कालोनी, होते हुए देवी मंदिर पहुंची। बाजारों में लोगों ने भगवान जगन्नाथ स्वागत किया। देवी मंदिर में पूजा अर्चना के बाद नारियल भेंट कर रथ यात्रा दोबारा जगन्नाथ मंदिर पहुंची। पहली बार इलेक्ट्रानिक रथ पर सवार हुए जगन्नाथ

125 वर्षों से जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है। जगन्नाथ मंदिर समिति के राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि कोबिड गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म कार्यक्रम किया गया। पहली बार इलेक्ट्रानिक रथ पर भगवान जगन्नाथ सवार हुए। 150 किलो चावल भात का प्रसाद बांटा

जगन्नाथ यात्रा में चावल भात के प्रसाद का महत्व है। 150 किलो प्रसाद बांटा। प्रसाद पैकिग में दिया गया। कोविड के चलते मास्क की व्यवस्था भी मंदिर समिति ने की थी। बोलियां नहीं हुई

हर वर्ष जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत में जगन्नाथ को चंवर ढुलाने, दरबार सजाने, भगवान को रथ पर सवार करवाने के लिए बोलियां लगती थी। इस बार सूक्ष्म कार्यक्रम होने के कारण बोलियां नहीं लगी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से दलीप गुप्ता, हितेंद्र कंसल, लाल चंद तायल, कन्हैया गुप्ता, भूषण गुप्ता, जयपाल कंसल, प्रदीप तायल, सुरेंद्र कंसल, कमल गुप्ता, अशोक कैलाशी, नरेंद्र जिदल, सुधीर जिदल, योगेश गुप्ता, सुबोध गुप्ता, युधिष्ठर शर्मा मौजूद रहे।

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