्रआयुष्मान भारत के पात्र से इलाज के लिए 80 हजार, अब लौटाने के आदेश

आयुष्मान कार्ड होते हुए भी अस्पताल ने सिद्धार्थ नगर निवासी मरीज से 80 हजार रुपये वापस देने को कहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:35 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:35 AM (IST)
्रआयुष्मान भारत के पात्र से इलाज के लिए 80 हजार, अब लौटाने के आदेश
्रआयुष्मान भारत के पात्र से इलाज के लिए 80 हजार, अब लौटाने के आदेश

जागरण संवाददाता, पानीपत : आयुष्मान कार्ड होते हुए भी अस्पताल ने सिद्धार्थ नगर निवासी मरीज से 80 हजार रुपये जमा करा लिए। मरीज के पुत्र ने जिला शिकायत निवारण समिति (आयुष्मान भारत योजना) से शिकायत कर दी। समिति ने जांच के बाद मरीज के रुपये लौटाने के आदेश दिए हैं।

मरीज सुरेंद्र सिंह के पुत्र मानुष ने सात जनवरी-2021 को सिविल सर्जन कार्यालय में शिकायत दी थी। उसने बताया था कि पिता को मिर्गी के दौरे के साथ बुखार के चलते देवी मूर्ति कालोनी के पास स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। स्टाफ को बता दिया था कि आयुष्मान कार्ड है। प्रबंधन ने बताया कि इस बीमारी का पैकेज न्यूरो सर्जरी स्पेशलिटी में नहीं है। वह पिता का इलाज इसी अस्पताल के चिकित्सक से कराना चाहते थे। अस्पताल प्रबंधन ने इलाज खर्च की एवज में 80 हजार रुपये जमा करा लिए। पिता की हालत में सुधार नहीं हुआ तो 11 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी कराकर करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कालेज ले गए। बीमारी जनरल मेडिसिन के पैकेज में शामिल थी, इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने रकम जमा कराई। 28 जून को जिला शिकायत निवारण समिति ने दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए बुलाया था। दोनों पक्षों को सुनने, तथ्यों को देखने के बाद समिति ने अस्पताल प्रबंधन को आदेश दिए कि तत्काल प्रभाव से मरीज को 80 हजार रुपये लौटाए जाएं। अस्पताल प्रबंधन केस को दोबारा पोर्टल पर पंजीकृत कर स्टेट हेल्थ अथारिटी के पास क्लेम के लिए भेज सकता है। सुनवाई में ये अधिकारी रहे शामिल

मामले की सुनवाई के दौरान डीसी सुशील सारवान, सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कादियान, नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत डा. मनीष पासी, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी और योजना के जिला सूचना प्रबंधक सोहन सिंह ग्रोवर मौजूद रहे। यह भी है विकल्प

जिला शिकायत निवारण समिति (आयुष्मान भारत योजना) के फैसले से सहमत नहीं होने पर कोई भी पक्ष स्टेट हेल्थ अथारिटी के समक्ष इसे चुनौती दे सकता है। वहां राज्य समिति केस की सुनवाई करेगी। राज्य समिति के निर्णय से भी असहमत होने पर नेशनल हेल्थ अथारिटी से शिकायत की जा सकती है। मुख्यालय भेजा निर्णय

अस्पताल के पीआरओ ने बताया कि समिति के आदेश की कापी को ई-मेल के जरिए अपने मुख्यालय भेजा है। वहां से जो भी निर्देश होंगे, उसकी पालना होगी।

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