आपके काम की खबर, पानीपत में बिजली, पानी, सीवर कनेक्शन के लिए बदले नियम, आप भी जानें

पानीपत में अब बिजली का लोड बढ़ाने कनेक्शन कटवाने के दौरान भी एनओसी लेनी होगी। जो बकाया राशी नगर निगम की होगी वह देने के बाद ही एनओसी जारी होगी। इससे प्रॉपर्टी टैक्स लाइसेंस फीस की रिकवरी में सुधार होगा।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:30 AM (IST)
आपके काम की खबर, पानीपत में बिजली, पानी, सीवर कनेक्शन के लिए बदले नियम, आप भी जानें
पानीपत नगर निगम की माली हालत को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है।

पानीपत, जेएनएन। पानीपत में बिजली, पानी और सीवर कनेक्शन के लिए नियम बदल गए हैं। अब आपको इनके लिए नगर निगम की एनओसी अनिवार्य रूप से लेनी होगी। नगर निगम की माली हालत को सुधारने के लिए सरकार ने बिजली, पानी, सीवरेज कनेक्शन लेने के लिए नगर निगम से एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने सभी संबंधित विभाग को इस आशय का पत्र लिखा गया है।

इस नियम के लागू होने के बाद अब बिजली का लोड बढ़ाने कनेक्शन कटवाने के दौरान भी एनओसी लेनी होगी। जो बकाया राशी नगर निगम की होगी, वह देने के बाद ही एनओसी जारी होगी। इससे प्रॉपर्टी टैक्स, लाइसेंस फीस की रिकवरी में सुधार होगा। नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका हरियाणा म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1994 और हरियाणा म्यूनिसिल एक्ट 1973 के अनुसार चलते हैं। इन एक्ट में एनओसी लेने का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।  अब एक्ट में बिजली, पानी, सिवरेज कनेक्शन लेने, कटे हुए कनेक्शन को दोबारा चालू करवाने, लोड बढवाने सहित नगर निगम क्षेत्र में किसी नक्शा पास करवाने व अन्य प्रकार की कोई परमिशन लेने से पहले एनओसी लेनी होगी।

ये है एनओसी

हरियाणा म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1994 में 96 बी के तहत नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी)  बिजली कनेक्शन, सीवर कनेक्शन लेने व कटे हुए कनेक्शन को दोबारा चालू करवाने, लोड बढ़वाने के लिए अनिवार्य किया गया है। बिना एनओसी के कोई अथारिटी बिजली पानी की कनेक्शन जारी नहीं कर सकेगी।

एक्‍ट में संशोधन किया

अर्बन लोक बाडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार ने म्यूनिसिपल एक्ट में किए गए इस बदलाव की जानकारी से पावर विभाग, पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग, प्रबंधक निदेशक एचएसआइआइडीसी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को अवगत करवा दिया है। 15 वर्ष पहले भी यह प्रावधान लागू था, लेकिन एक्ट में शामिल नहीं किया गया था। अब एक्ट में संशोधन किया गया है।

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