Panipat Civil Hospital: गर्भवती महिलाओं में बीमारियां बढ़ीं और जागरूकता में आई कमी, बड़ी वजह आई सामने
पानीपत के सिविल अस्पताल में प्रसव के आने वाली करीब 10 महिलाएं अपने बच्चे को जन्म से पहले खो देती हैं। गर्भवती की रूटीन जांच में कमी आई इसका भी दुष्प्रभाव रहा है। जनवरी से अगस्त 2021 तक सिविल अस्पताल में 5391 महिलाओं के प्रसव संपन्न कराए गए।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के सिविल अस्पताल में प्रसव के आने वाली करीब 10 महिलाएं अपने बच्चे को जन्म से पहले खो देती हैं। यह आंकड़े सिर्फ एक अस्पताल के हैं। अन्य सरकारी डिलिवरी हट, निजी अस्पतालों और घरों में होने वाले प्रसव के दौरान सामने आए ऐसे केसों को जोड़ दें तो संख्या दोगुना हो सकती है। गर्भवती को कई तरह की बीमारियां व जागरूकता की कमी, इसकी बड़ी वजह बताई गई है।
रूटीन जांच में आई कमी
कोरोना महामारी के दौरान गर्भवती की रूटीन जांच में कमी आई, इसका भी दुष्प्रभाव रहा है। जनवरी से अगस्त 2021 तक सिविल अस्पताल में 5391 महिलाओं के प्रसव संपन्न कराए गए। इनमें 77 महिलाएं (1.42 फीसद) ऐसी रहीं, जिनका शिशु गर्भ में ही मर चुका था। कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल, मई और जून की बात करें तो तीन माह में ही 34 महिलाओं के गर्भ में शिशु दम तोड़ चुका था। इन केसों में 55 फीसद ग्रामीण और 45 फीसद शहर की स्लम बस्तियों के हैं। पाश कालोनियाें के केस इक्का-दुक्का हैं।
अस्पताल की प्रसूति विशेषज्ञ डा. मनी गौतम ने बताया कि गर्भ में शिशु की मौत के कई कारण हैं। बच्चे को खून की आपूर्ति न होना, महिला को शुगर रहना, शिशु के मुंह में गंदा पानी जाना मुख्य हैं। गर्भावस्था के दौरान रूटीन चेकअप और समय पर अल्ट्रासाउंड बहुत जरूरी है।
आठ माह के आंकड़े
माह डिलिवरी शिशु मौत
जनवरी 812 09
फरवरी 655 07
मार्च 691 10
अप्रैल 538 11
मई 450 12
जून 529 11
जुलाई 872 08
अगस्त 844 09
गर्भवती रखें इत बातों का ध्यान
गर्भ में बच्चा तीन-चार घंटे हिले-डुले नहीं तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं।
नौ माह पर अल्ट्रासाउंड कराएं ताकि बच्चे की स्थिति का पता चले।
गर्भवती शुगर को कंट्रोल में रखें, खून की कमी नहीं होनी चाहिए।
प्रसव पीड़ा से 24 घंटे पहले अस्पताल में पहुंच जाएं।
दाई से घर में प्रसव संपन्न बिल्कुल न कराएं।
यह भी है खतरा
गर्भ में शिशु की मौत के बाद जच्चा को दर्द शुरू हो जाता है। महिला को दवा दी जाती है और नार्मल डिलीवरी करवाने का प्रक्रिया शुरू की जाती है। डिलीवरी समय पर न कराई जाए तो महिला का रक्त खराब होने की संभावना रहती है। रक्त में कोबोलेशन प्रोफाइल की समस्या हो जाती है। ऐसे में महिला को भी जान का खतरा हो जाता है।
फोलिक एसिड की गोली खाएं
गर्भवती महिलाओं को रूटीन चेकअप के दौरान सिविल अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी में फोलिक एसिड दिया जाता है। कैल्शियम व आयरन की गोलियां दी जाती हैं। लापरवाही के कारण 60 फीसद महिलाएं गोलियों का सेवन पर्याप्त नहीं करती। नतीजा, अधिकांश महिलाओं के शरीर में खून की कमी मिलती है।