चार महीने से बढ़ रहे कॉटन यार्न के भाव, चैंबर ने की निर्यात पर अंकुश लगाने की मांग

पिछले चार महीने से काटन यार्न के भाव बढ़ रहे हैं। टेक्सटाइल उद्योग की पूरी श्रृंखला प्रभावित हो रही है। निर्यातकों के लिए अपने ग्राहकों के आर्डर पूरे करना मुश्किल हो रहा है जिससे निर्यात उद्योग प्रभावित हो रहा है।

By Edited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 07:07 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 07:07 AM (IST)
चार महीने से बढ़ रहे कॉटन यार्न के भाव, चैंबर ने की निर्यात पर अंकुश लगाने की मांग
कॉटन यार्न के निर्यात पर अंकुश लगाने से टेक्सटाइल निर्माताओं को आपूर्ति बढ़ाई जा सकेगी।

पानीपत, जेएनएन। हरियाणा चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने सरकार से काटन यार्न के निर्यात पर अंकुश लगाने की मांग की है। इससे काटन यार्न के भाव को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। साथ ही घरेलू टेक्सटाइल निर्माताओं को इसकी आपूर्ति भी बढ़ाई जा सकेगी।

पानीपत चैप्टर के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने कहा कि पिछले चार महीने से काटन यार्न के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। इससे टेक्सटाइल उद्योग की पूरी श्रृंखला प्रभावित हो रही है। खंडेलवाल ने बताया कि काटन कारपोरेशन आफ इंडिया ने छोटी मिलों के लिए काटन के मूल्य में कटौती की है। इसके बावजूद काटन यार्न के भाव कम नहीं हो रहे। सूती धागे के दामों में बढ़ोतरी और उपलब्धता को लेकर अनिश्चितता वजह से निर्यातकों के लिए अपने ग्राहकों के आर्डर पूरे करना मुश्किल हो रहा है, जिससे निर्यात उद्योग प्रभावित हो रहा है।

एक माह में नहीं कर पाए कार्यकारिणी का गठन हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स के दोबारा चेयरमैन बने विनोद खंडेलवाल को बने एक माह हो गया है। वह अपनी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए। सदस्यों में इसे लेकर सुगबुगाहट है। कार्यकारिणी में स्थान पाने के लिए सदस्य जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं।

विनोद खंडेलवाल को सर्वसम्मति से चेयरमैन चुने जाने के बाद उन्हें कार्यकारिणी के गठन की जिम्मेदारी दी गई थी। पिछले कार्यकाल के दौरान बने पदाधिकारी इस बार भी पदाधिकारी बनने की दौड़ में शामिल है। दो-तीन नाम पर सहमति बन चुकी है। दो तीन नामों पर सहमति नहीं बन पा रही। खंडेलवाल ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर-अंदर नई कमेटी घोषित कर देंगे।

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