बेटी को बॉक्सिंग करती देख लोग देते थे ताने, पिता ने मौका दिया तो पानीपत की विंका जीत लाई सोना

विंका ने मोंटेनीग्रो में हुए 30वें एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक के साथ-साथ बेस्ट महिला बॉक्सर का भी खिताब जीता है। उन्होंने कोरोना माहमारी के दौरान चार महीने तक शिवाजी स्टेडियम के कोच सुनील कुमार की देखरेख में अपने वेट के लड़कों पर भी खूब पंच जड़े।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 05:28 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 05:28 PM (IST)
बेटी को बॉक्सिंग करती देख लोग देते थे ताने, पिता ने मौका दिया तो पानीपत की विंका जीत लाई सोना
विंका 23 फरवरी को इंडिया लौटेंगी। इसके बाद वे यूथ विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप का ट्रायल भी देंगी।

पानीपत [विजय गाहल्याण]। सात साल पहले लोग शिमला मौलाना गांव की विंका को बॉक्सिंग करता देख ताने देते थे। पिता आटो चालक धर्मेंद्र को समझाते थे कि बेटी की पढ़ाई करवा दे। खेल में क्या रखा है। जबड़ा टूट गया तो कोई शादी भी नहीं करेगा। पिता ने किसी की नहीं सुनी और बेटी को खेलने की आजादी दे दी। विंका ने भी सफलता की ऐसी उड़ान भरी कि तंज कसने वाले भी मुरीद हो गए।

विंका ने मोंटेनीग्रो में हुए 30वें एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक के साथ-साथ बेस्ट महिला बॉक्सर का भी खिताब जीता है। उन्होंने कोरोना माहमारी के दौरान चार महीने तक शिवाजी स्टेडियम के बॉक्सिंग कोच सुनील कुमार की देखरेख में लड़कियों के अलावा अपने वेट के लड़कों पर भी खूब पंच जड़े। दायां हाथ बार-बार नीचे आ जाता था। इस वजह से विरोधी बॉक्सर उनको पंच लगाकर प्वाइंट ले लेता था।  कोच ने तकनीक में सुधार कराया। कड़ा अभ्यास काम आया और उन्हें सफलता मिली। विंका 23 फरवरी को इंडिया लौटेंगी। इसके बाद वे यूथ विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप का ट्रायल भी देंगी।  

अभ्यास में देरी से पहुंचने की सजा झाड़ू लगाने की मिली

विंका कई बार आटो में पंक्चर होने के कारण देरी से स्टेडियम में पहुंची। अन्य बॉक्सरों की तरह उन्हें भी कोच ने सजा दी। ट्रैक के चार चक्कर लगाने के अलावा बॉक्सिंग रिंग परिसर की झाड़ू से सफाई भी करनी पड़ी। गलती मानकर भविष्य में समय पर ट्रेनिंग करने का वादा भी किया। 

ये है विंका की ताकत, जो उन्हें सफल बनाती है

विंका रोहतक बॉक्सिंग एकेडमी में अभ्यास करती हैं। उनके पहले कोच सुनील कुमार ने विंका की वह खूबियां बताईं, जो उन्हें अन्य बॉक्सरों से अलग पहचान दिलाती हैं। कोच ने बताया कि हर मुकाबला खेलने से पहले विंका ने उनसे बात की। उन्हें समझाया गया कि निडर होकर खेले और विरोधी पर ताबड़तोड़ पंच से प्रहार करे।  

-पंच में ताकत ज्यादा है। 

-राइट क्रास हुक मारकर विरोधी बॉक्सर को पस्त कर देती है। 

-मुक्के मारकर विरोध को थका देती है। 

-रिंग में घबराती नहीं है। 

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