Pakistan ISI terror module: मोस्ट वांटेड आतंकी रूबल मजदूरों की तरह अंबाला रहा, किसी को नहीं लगी भनक

Pakistan ISI terror module पंजाब में पेट्रोल टैंकर को टिफिन बम से उड़ाने वाला आंतकी रूबल मजदूरों की तरह कपड़े पहन गुरुद्वारा साहिब में कारसेवा करता रहा। लोअर व टी शर्ट पहनकर रूबल सिंह कार सेवा कर रहा था।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 11:34 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 11:34 AM (IST)
Pakistan ISI terror module: मोस्ट वांटेड आतंकी रूबल मजदूरों की तरह अंबाला रहा, किसी को नहीं लगी भनक
पंजाब पुलिस की गिरफ्त में मोस्‍टवांटेड रूबल सिंह।

अंबाला, जागरण संवाददाता। गुरुद्वारा मरदों साहिब में कारसेवा के दौरान पकड़े गए पंजाब पुलिस के मोस्ट वांटेड रूबल सिंह ने दो दिन तक यहां कारसेवा की। वह मजदूरों की तरह कपड़े (लोअर व टी-शर्ट और सिर पर कपड़ा बांधकर) पहनकर काम कर रहा था। दूसरे कारसेवा करने वालों को भी लगा था वह जरूरतमंद है। रूबल की कोई ऐसी एक्टीविटी नहीं लगी जिससे किसी को उसपर शक हो। इसलिए किसी को कोई भनक तक नहीं लगी। उधर, शाहबाद गुरुद्वारे में रूबल के साथ रहने वाले लोगों को नहीं पता था कि रूबल सिंह पंजाब से क्या करने आया था। बस वह यही समझते रहे उसे काम की जरूरत है।

पता चला है करीब 19 साल का रूबल सिंह पंजाब के जिला अमृतसर के गांव भाखा तारा सिंह का रहने वाला था। दूर की रिश्तेदारी के सोनू ने उसे शाहबाद के गुरुद्वारा मंजी साहिब लेकर गया था। सोनू करीब सात से शाहबाद में ही रहता है। वह गुरुद्वारा में ही सरिया बांधने का काम करता है। सूत्रों के अनुसार पुलिस पूछताछ के दौरान सोनू ने बताया कि रूबल उसे पांच-छह महीने पहले बड़े भाई की शादी में मिला था। उधर, पता चला है पंजाब पुलिस ने रूबल के कपड़े और फोन को जब्त कर लिया है।

चर्चा का विषय बना रहा

बता दें जिस दिन पंजाब पुलिस मोस्ट वांटेड रूबल सिंह को मरदों साहिब गिरफ्तार करने के लिए आई थी। उस दिन पहले उसकी लोकेशन गांव मरदों साहिब में मिली थी। दोबारा लोकेशन चेक की गई तो वह गुरुद्वारा मरदों साहिब के पास टांगरी नदी के पास मिली। इसके बाद पंजाब पुलिस वहां पहुंची तो लोकेशन ट्रेस हो गई और रूबल को दबोच लिया गया था। लेकिन मोस्ट वांटेड रूबल की गिरफ्तारी के बाद मरदों साहिब के एरिया में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग हैरान ऐसा युवक भी उनके एरिया में था।

बता दें रूबल सिंह गुरुद्वारा की कारेसवा में लोहे का जाल बांधने का काम करता था। उधर, गुरुद्वारा मरदों साहिब कमेटी के प्रधान जरनैल सिंह का कहना था। युवक को काम करते दो दिन हुए थे। लेकिन उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता था। जिस दिन पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है उस दिन उसका दूसरा दिन था। पंजाब पुलिस ने उसे गुरुद्वारा साहिब से कुछ दूरी पर दूर टांगरी नदी के पास से गिरफ्तार किया गया था।

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