हरियाणा के कई जिलों में तेज बारिश, किसानों का सोना हो रहा काला, खेत में बिछी धान की फसल

हरियाणा के कई जिलों में तेज बारिश हो रही है। बुधवार और वीरवार को हुई बारिश की वजह से अगेती धान को नुकसान हुआ है। खेतों में पानी जमा हो जाने से किसान धान की फसल की कटाई नहीं कर पा रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:01 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:01 PM (IST)
हरियाणा के कई जिलों में तेज बारिश, किसानों का सोना हो रहा काला, खेत में बिछी धान की फसल
कैथल में बारिश की वजह से बिछी धान की फसल।

पानीपत, जागरण संवाददाता। धान के सीजन में किसान के लिए वरदान बनने वाली बारिश अब नुकसानदायक साबित हो रही है। कारण धान की 1509 व पीआर (मोटी) किस्म की अगेती फसल खेतों में पक कर तैयार है, लेकिन लगातार बारिश होने के कारण कटाई हो नहीं पा रही है। कुछ जगह खेतों में खड़ी धान फसल जमीन पर बिछ चुकी है। उसका दाना काला पड़ने के साथ नुकसान की आशंका है। ऐसे में किसान को घाटे की चिंता सताने लगी है। दूसरी ओर बारिश से सब्जियों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। कृषि विज्ञानियों की सलाह है कि किसान निचले इलाके में निकासी की व्यवस्था कर पानी जमा न होने दे। ताकि नुकसान से बचा जा सके।

जिले में 80 हजार हेक्टेयर में धान की खेती

पानीपत जिले में करीब 80 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है। इसमें 1509, 1718, पीआर, बासमती, 1121, मुच्छल आदि किस्म शामिल है। हाल में 1509 व पीआर आदि किस्म की अगेती धान खेतों में पक्कर तैयार है। जबकि पछेती में बाली बन रही है। लेकिन लगातार होती बारिश पक्कर तैयार होने वाली से लेकर बाली बनने वाली तक के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है।

बारिश फेर रही अरमानों पर पानी

किसान बिजेंद्र कुमार का कहना है कि धान की 1509 किस्म पक कर तैयार है। लगातार होती बारिश के कारण खेत में पानी खड़ा है। ऐसे में कटाई हो नहीं पा रही है। इस बार पिछले साल के मुकाबले अच्छा भाव मिल रहा है। सोचा था पिछला घाटा पूरा हो जाएगा, लेकिन बारिश अरमानों पर पानी फेर रही है। वहीं चंदौली निवासी किसान रामचंद्र ने बताया कि करीब तीन एकड़ फसल पक्क चुकी है। बारिश के कारण कटाई नहीं हो पाई और खेत में पानी जमा होने पर ज्यादातर जमीन पर लेट चुकी है। समय पर कटाई नहीं हुई तो धाना काला पड़ जाएगा। इस बार अच्छा भाव मिल रहा है, लेकिन अब ये बारिश आफत बन गई।

2800 से 3000 के आस पास भाव

किसानों के मुताबिक पिछले साल 1509 किस्म को 1800 से 2200 तक का भाव मिला था। इस बार शुरूआत में ही 2800 से 3000 हजार का भाव मिल रहा है। अच्छे भाव से किसानों में खुशी देखने को मिल रही थी। लेकिन बारिश ने उनकी खुशी में खलल डाल दिया है। फसल खेत में पक्कर तैयार, लेकिन कटाई कर मंडी नहीं ला पा रहे हैं।

दाने की साइनिंग हो जाएगी खत्म

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. वीरेंदर देव आर्य के मुताबिक जिले में अगेती धान का एरिया चार हजार हेक्टेयर के करीब है। इसमें कई किस्में हैं। ज्यादातर वो हैं, जो एमएसपी रेट पर खरीदी जाती हैं। उन्होंने बताया कि बारिश ज्यादा होने पर धान का पौधा जमीन पर गिरता है तो उससे दाने की साइनिंग खत्म होने पर काला पड़ जाता है। समय पर कटाई नहीं होने पर वो अंकुरित भी हो जाता है। जोकि किसान को सीधे नुकसान है। वहीं जिस किस्म में बाली आ रही है, उसके लिए भी बारिश नुकसानदायक है, उसमें दाना ठीक तरह से नहीं बन पाता है और पैदावार पर असर पड़ता है।

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