Panipat Oxygen Plant : आक्सीजन प्लांट के ट्रायल-रन में देरी, एनएचएआइ के भरोसे पानीपत अस्पताल प्रशासन

Oxygen Plant पानीपत सिविल अस्‍पताल में आक्‍सीजन प्‍लांट के ट्रायल में देरी हो रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के लेट लतीफी की वजह से अभी तक अस्‍पताल प्रशासन ट्रायल शुरू नहीं कर सका है। वहीं बैकअप के लिए 50 से अधिक बड़े सिलेंडर कराए रिफिल।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 01:22 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 01:22 PM (IST)
Panipat Oxygen Plant : आक्सीजन प्लांट के ट्रायल-रन में देरी, एनएचएआइ के भरोसे पानीपत अस्पताल प्रशासन
सिविल अस्पताल में बने आक्सीजन प्लांट का ट्रायल में देरी।

पानीपत, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते स्‍वास्‍थ्‍य विभाग अलर्ट है। लगातार लोगों को कोरोना गाइडलाइन के पालन के लिए जागरूक किया जा रहा है। वहीं, सिविल अस्पताल में बने आक्सीजन प्लांट का ट्रायल-रन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की लेटलतीफी के कारण लटका हुआ है। पहले आक्सीजन की क्वालिटी जांच लैब में होगी, इसके बाद ही मरीजों को आपूर्ति की जाएगी।

ट्रायल-रन के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न आए, बैकअप के लिए अस्पताल प्रशासन ने सात क्यूबिक मीटर के 50 बड़े सिलेंडर रिफिल करा लिए हैं। अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर (पीएमओ) डा. संजीव ग्रोवर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि प्लांट से निकलने वाली आक्सीजन का सेचुरेशन लेवल दो बार जांचा गया, पहले 93, दूसरी बार में 96 मिला है। आक्सीजन गुणवत्ता जांच के लिए एनएचएआइ को ही सैंपल लैब में भेजने हैं। प्लांट की लाइन को सैंट्रल लाइन से जोड़ा जा चुका है। क्वालिटी पर खरी उतरने पर ही मरीजों को आपूर्ति की जाएगी। लेटलतीफी पर पीएमओ ने कहा कि एनएचएआइ के अधिकारियों के संपर्क में हैं, जल्द ट्रायल-रन होगा।

बता दें प्रधानमंत्री नागरिक सहायता,आपातकालीन स्थिति निधि(पीएम केयर्स फंड)से प्लांट मिला है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने प्लांट को तैयार किया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने टिन शेड-फाउंडेशन (सिविल वर्क) किया है। लार्सन एंड टर्बो (एलएंडटी) कंपनी के इंजीनियरों कंप्रेसर, ड्रायर और टैंक (कंपलीट प्लांट) स्थापित किया है।

एक मिनट में 100 लीटर आक्सीजन

यह प्लांट हवा से 1000 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन तैयार करेगा। लगभग 140-150 बेड को 24 घंटे आपूर्ति की जा सकेगी। प्लांट रनिंग में आने पर अस्पताल को 50 हजार रुपए हर माह बचत होगी।

एक वयस्क को चाहिए 550 लीटर आक्सीजन

एक व्यक्ति को 24 घंटे में करीब 550 लीटर शुद्ध आक्सीजन चाहिए। श्रम करने पर अधिक आक्सीजन चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति एक मिनट में 12 से 20 बार सांस लेता है। स्वस्थ व्यक्ति के ब्लड में आक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 95 से 100 फीसदी के बीच होना चाहिए।

जरूरी दवा आक्सीजन

कानूनी रूप से यह आवश्यक दवा है। वर्ष 2015 में इसे अति आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया गया।विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की लिस्ट में यह शामिल है।

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