ऑक्सीजन की बढ़ी मांग, यमुनानगर में 4 दिन में बढ़ गई दो टन की की खपत
कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ-साथ ऑक्सीजन की भी मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। यमुनानगर में चार दिन में दो टन ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। 12 से 14 घंटे में एक टन ऑक्सीजन का सिलेंडर हो रहा खत्म।
यमुनानगर, [अवनीश कुमार]। कोरोना के बढ़ते केसों की वजह से ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। जिले में चार दिन में दो टन की खपत बढ़ गई है। अब सरकार ने उद्योगों को ऑक्सीजन सप्लाई करने पर भी रोक लगा दी है। केवल अस्पतालों में ही ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी। इनके लिए भी मांग पूरी नहीं हो पा रही है। जिले के कोविड अस्पताल में भी अब हर रोज आपूर्ति बढ़ रही है।
अब यहां पर 12 से 14 घंटे में एक टन ऑक्सीजन की खपत हो रही है। इसी तरह से अन्य निजी अस्पतालों में भी मांग बढ़ गई है। जिसकी पूर्ति करने में काफी दिक्कत आ रही है। सितंबर माह में भी केस बढऩे पर ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ गई थी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने एक टनका बड़ा सिलेंडर ईएसआइ कोविड अस्पताल में लगवाया था। अक्टूबर के बाद केस घटने शुरू हो गई थी।
फरवरी माह में मात्र 46 केस रह गए थे। यह मरीज भी ऑक्सीजन सपोर्ट के बिना ही थे। जिस वजह से ऑक्सीजन की आपूर्ति लगभग ना के बराबर हो रही थी। अब मार्च माह के बाद से ही कोरोना के केस बढऩे लगे। सबसे अधिक अप्रैल माह में केस बढ़े। करीब तीन हजार केस अभी तक आ चुके हैं। हालांकि ठीक भी हो रहे हैं। बढ़ते केसों की वजह से ही ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ गई है।
अरूण ऑक्सीजन लिमिटेड से हो रही आपूर्ति
कोविड ईएसआइ अस्पताल समेत सरकारी अस्पतालों में मानकपुर स्थित अरूण ऑक्सीजन लिमिटेड फैक्ट्री से सप्लाई हो रही है। इसके साथ ही दो निजी अस्पतालों में भी इस फैक्ट्री से ही आपूर्ति की जा रही है। इस फैक्ट्री की क्षमता 500 सिलेंडर और 13 टन लिक्विड की है। कुरुक्षेत्र जिले में भी हर रोज डेढ़ टन ऑक्सीजन की आपूर्ति अरूण ऑक्सीजन लिमिटेड फैक्ट्री से की जा रही है। यहां से सिलेंडर व लिक्विड गैस की सप्लाई अस्पतालों को दी जा रही है।
फैक्ट्री मालिक अरूण गर्ग ने बताया कि जिले में मेडिकल के लिए केवल उनकी फैक्ट्री ही ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। अब मांग काफी बढ़ गई है। अप्रैल माह से डेढ़ टन ऑक्सीजन मरीजों को लग रही है। अब चार दिनों से मांग अधिक बढ़ गई है। अब साढ़े तीन टन रोजाना ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। दूसरे राज्यों से भी ऑक्सीजन लिक्विड मंगवा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह डिमांड और भी बढ़ सकती है। अब तो उद्योगों के लिए भी सप्लाई बंद कर दी है। जिले के कुछ निजी अस्पतालों में डायरेक्ट भी ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। वह बाहर से ही मंगवा रहे हैं। अब उन अस्पतालों से भी फोन आ रहे हैं, लेकिन मांग पूरी नहीं हो पा रही है। यदि पूरे जिले के अस्पतालों की बात करें, तो इस समय रोजाना दस टन ऑक्सीजन की लग रही है।
नए सेंटर चालू करने से बढ़ेगी मांग
कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग कुछ और सेंटर रिओपन कर रहा है। इसमें यमुना इंस्टीट््यूट में 100 बेड का कोविड सेंटर रिओपन करने की तैयारी चल रही है। वहां पर भी गंभीर मरीजों को रखा जाएगा। मरीजों की संख्या बढ़ी, तो वहां पर भी ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी पड़ेगी। अभी अधिकतर मरीज भी होम आइसोलेशन में हैं। कोविड अस्पताल की बात करें, तो यहां पर 54 मरीज दाखिल हैं। इनमें से 40 ऑक्सीजन पर हैं और तीन सी पाइप पर हैं। दस मरीज नॉर्मल हैं। अस्पताल फुल होने की वजह से मरीजों के बेड की भी दिक्कत आ रही है।
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