सरकारी-निजी अस्पतालों में 2048 आइसोलेशन बेड
विकराल होती कोरोना महामारी की दूसरी लहर को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी व निजी अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में 2048 बेड आरक्षित किए हुए हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : विकराल होती कोरोना महामारी की दूसरी लहर को भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी व निजी अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में 2048 बेड आरक्षित किए हुए हैं। 856 बेड पर आक्सीजन, आइसीयू (गहन चिकित्सा यूनिट) में 74 व 44 बेड वेंटीलेटर युक्त हैं। सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 40 बेड रनिग में हैं, 20 बढ़ाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जिला के सभी डेडिकेडेट सेंटर रि-एक्टिवेट कर दिए हैं। सभी केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। डेडिकेडेट अस्पताल :
1-आयुष्मान भव: 12 बेड आइसोलेशन, छह बेड आइसीयू, दो वेंटीलेटर।
2-पार्क अस्पताल: 12 बेड आइसोलेशन, आठ बेड आइसीयू, छह वेंटीलेटर। डेडिकेडेट कोविड हेल्थ सेंटर :
केंद्र का नाम आइसोलेशन बेड आक्सीजेन बेड आइसीयू में बेड वेंटीलेटर
सिविल अस्पताल 60 32 08 06
एसडीएच समालखा 52 50 00 00
एनसी मेडिकल कालेज 590 300 04 04
प्रेम अस्पताल 26 26 06 06
सिग्नेस महाराजा अस्पताल 08 04 00 02
आइबीएम अस्पताल 15 15 10 05
एपेक्स अस्पताल 15 15 06 02 डेडिकेडेट कोविड केयर सेंटर :
-ईएसआइ अस्पताल: 48 बेड।
-ब्वायज होस्टल एनसी कालेज: 216 बेड आइसोलेशन, 16 पर आक्सीजन।
-नेशनल ट्रेनिग इंस्टीट्यूट: 50 बेड
-सीएचसी खोतपुरा: 20 बेड आइसोलेशन, एक पर आक्सीजन।
-सीएचसी ददलाना: 20 बेड आइसोलेशन, दो पर आक्सीजन।
-प्रेम इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग: 50 बेड आइसोलेशन, 43 पर आक्सीजन।
-पाइट इंस्टीट्यूट: 114 बेड
-प्रेम इंस्टीट्यूट: 50 बेड
-दिल्ली पब्लिक स्कूल: 100 बेड
-सत्कार गेस्ट हाउस: 16 बेड
-एपिट कालेज: 100 बेड
-गीता इंजीनियरिग कालेज नौल्था: 110 बेड
-गीता लॉ कालेज समालखा: 88 बेड पॉजिटिव मरीजों को भर्ती रखने की प्रक्रिया
मरीजों को संक्रमण की ²ष्टि से चार वर्ग वेरी माइल्ड, माइल्ड, मेडरेट, सीवियर पेशेंट्स में बांटा हैं। वेरी माइल्ड मरीज होम आइसोलेशन में रहेंगे। हल्का संक्रमण वाले कोविड केयर सेंटर, मध्यम लक्षण वाले मरीजों को रखने की व्यवस्था डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में है। जिन मरीजों में कोविड-19 के सभी लक्षण हैं, उन्हें डेडिकेटेड कोविड हास्पिटल में भर्ती कराया जाएगा। एबीजी और पोर्टेबल एक्स-रे मशीन नहीं
सिविल अस्पताल में अस्थाई आइसीयू तो है, आर्टिरीअल ब्लड-गैस (एबीजी) एनालाइसिस मशीन और पोर्टेबल एक्स-रे मशीन नहीं है। एबीजी मशीन दिल, गुर्दे व फेफड़ों की स्थिति का पता लगाने में मददगार होती है। शरीर में ऑक्सीजन, कार्बन डाइआक्साइड, अमोनिया, हीमोग्लोबिन, सोडियम व पोटेशियम की स्थिति बताती है। पोर्टेबल एक्स-रे मशीन होने से पाजिटिव मरीज को एक्स-रे रूम में नहीं जाना पड़ेगा। घबराएं नहीं, संसाधन उपलब्ध है: डा. संजीव सिविल सर्जन डा. संजीव ग्रोवर ने कहा कि जिलावासी घबराएं नहीं। सरकारी व निजी अस्पतालों में आरक्षित किए बेड पर्याप्त हैं। जरूरत पड़ी को डिस्ट्रक्ट अर्ली इनवेंशन सेंटर और पोषण पुनर्वास केंद्र को बंद कर 20 से 30 बेड बढ़ सकते हैं। बेड संख्या वृद्धि के और भी विकल्प हैं। आक्सीजन की कमी नहीं है। सैंट्रल आक्सीजन सुविधा के अलावा 106 सिलेंडर भी हैं। खानपुर मेडिकल कालेज है नोडल सेंटर
पानीपत का नोडल सेंटर खानपुर मेडिकल कालेज है। गंभीर मरीजों को खानपुर में ही रेफर किया जाता है।