मिक कंबल उद्योगों को ज्यादा उत्पादन ने दिया बड़ा झटका

चौतरफा मार से जूझ रहे मिक कंबल उद्योगों को बड़ा झटका ज्यादा प्रोडक्शन ने दिया। अधिक उत्पादन और मांग कम पड़ने से मिक कारोबारी बैंक के ब्याज में उलझ गए। उद्योगों पर बढ़ते कर्ज के दबाव के कारण उद्योगों ने उत्पादन करने में ही बेहतरी समझी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 09:00 AM (IST)
मिक कंबल उद्योगों को ज्यादा उत्पादन ने दिया बड़ा झटका
मिक कंबल उद्योगों को ज्यादा उत्पादन ने दिया बड़ा झटका

महावीर गोयल, पानीपत

चौतरफा मार से जूझ रहे मिक कंबल उद्योगों को बड़ा झटका ज्यादा प्रोडक्शन ने दिया। अधिक उत्पादन और मांग कम पड़ने से मिक कारोबारी बैंक के ब्याज में उलझ गए। उद्योगों पर बढ़ते कर्ज के दबाव के कारण उद्योगों ने उत्पादन करने में ही बेहतरी समझी। उद्योगों के बंद करने में फिक्स खर्चों के नुकसान को देखते हुए कम उत्पादन लिया जा रहा है।

जानकार उद्यमियों का कहना है कि मिक कंबल के उद्योग कुछ बड़े औद्योगिक घरानों ने प्रवेश किया है। इन घरानों के पास पूंजी की बहुलता है। इसीलिए इन उद्योगों ने भारी उत्पादन शुरू कर दिया। साथ ही कम मार्जेन पर माल बेचना शुरू कर दिया। पांच रुपये किलो तक के लाभ पर मिक कंबल बेचना शुरू किया गया। इससे कम पूंजी वाले मिक कंबल उद्यमी संकट में फंस गए। चार-चार व्यापारियों ने मिलकर मिक कंबल के प्रोजेक्ट लगाए हुए हैं। बैंक से ऋण लेकर यूनिट लगे हैं। इन उद्यमियों को सबसे अधिक समस्या झेलनी पड़ रही है। अपनी पूंजी लगाने वाले उद्यमी तो स्टाक करने में भी सक्षम है। इसी बीच कच्चे माल पोलियस्टर, केमिकल और कोयले अनाम शनाप दामों ने मिक कंबल को गहरा झटका दिया है। एक और 40 टन प्रतिदिन उत्पादन का प्लांट लगाने की तैयारी

गुप्ता ग्रुप की एएसएम कंपनी ने पानीपत में 40 टन उत्पादन का मिक कंबल का प्लांट लगाने का आर्डर दिया है। एएसएम का पहले भी एक प्लांट चल रहा है। कंपनी के मालिक संजय गुप्ता ने बताया कि जल्द ही नया प्लांट चालू किया जाएगा। क्वालिटी नहीं संभाली तो संकट में रहेगा कंबल उद्योग

चीन से कंबल आना बिल्कुल बंद हो चुका है। महंगा कच्चा माल होने के साथ ही कोयले केमिकल के दाम बढ़ने से उद्यमियों ने कंबल की क्वालिटी का स्तर गिरा दिया गया है। जो उद्योग अच्छी क्वालिटी का कंबल बना रहे हैं, उन्हें बिक्री की दिक्कत नहीं आ रही है। मार्केट में बने रहने के लिए कंबल उद्यमियों को क्वालिटी पर ध्यान देना होगा। टेक्सटाइल पीएलआइ स्कीम के नोटिफिकेशन का इंतजार

टेक्सटाइल उद्योगों के लिए मंजूर हुई 10683 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिक्ड इंसेन्टिव (पीएलआइ) स्कीम के नोटिफिकेशन का उद्योग जगत इंतजार कर रहा है। इसी महीने स्कीम का नोटिफिकेशन होने की उम्मीद है। बीते बुधवार को टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए पीएलआइ स्कीम की घोषणा की गई थी। इस योजना में एपरल के 40 एचएसएन और दस टेक्निकल टेक्सटाइल प्रोड्कट्स को समाहित किया गया है। एपरल के एचएसएन में शामिल

एपरल के एचएसएन में जर्सी, पुलओवर्स, कार्डिगनस, वेस्टकोट, रेनकोट शामिल हैं। इन सभी प्रकार के टेक्सटाइल उत्पादन की विश्व में भारी मांग रहती है। अपने देश में कम उत्पादन के कारण निर्यात में इसकी हिस्सेदार कम है। इस स्कीम के तहत 19000 करोड़ का नया निवेश आने व 7.50 लाख प्रत्यक्ष रोजगार निर्माण होने की संभावना है। इसके लिए पानीपत के बड़े टेक्सटाइल उद्यमी प्लांट लगाने की तैयारी में हैं। मिक कंबल के उद्यमी में भी 100 करोड़ से ऊपर क प्लांट लगाने के लिए मैदान में कूदने के तैयारी में हैं। इससे वे पीएलइ स्कीम का लाभ लेने के लिए मिक के साथ अन्य टेक्सटाइल उत्पादन करने में सक्षम होगे। लार्ज स्केल के उद्यमियों के इस फील्ड में आने से मध्यम दर्जे के उद्यमियों का संकट बढ़ने जा रहा है। उद्यमियों को नोटिफिकेशन का इंतजार

पानीपत इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान प्रीतम सचदेवा का कहना है कि हम पीएलइ स्कीम के नोटिफिकेशन के इंतजार में हैं। उसके बाद ही कहा जा सकेगा इस स्कीम का पानीपत के उद्योगों को कितना लाभ मिलेगा।

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