आउटसोर्स कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर मांगा वेतन
कोविड महामारी के वक्त भी आउटसोर्स कर्मचारी प्रमुखता से काम कर रहे हैं। इसके बावजूद उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। पुराने कर्मचारियों को हटाने या ट्रांसफर करने का भय दिखाकर शोषण किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल में आउटसोर्स पर नियुक्त कर्मचारियों ने अपने वेतन के लिए प्रदर्शन किया। इसके साथ ही डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
प्रधान विजय और महासचिव रमेश कुमार ने कहा कि कोविड महामारी के वक्त भी आउटसोर्स कर्मचारी प्रमुखता से काम कर रहे हैं। इसके बावजूद उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। पुराने कर्मचारियों को हटाने या ट्रांसफर करने का भय दिखाकर शोषण किया जा रहा है। भ्रष्टाचार की आशंकाएं हैं। भिवानी, झज्जर व अन्य जिलों में धरना जारी है। किसी भी कर्मचारी को न हटाकर उन्हें मूल स्थान पर काम दिया जाए। सरकार रोस्टर प्रणाली बनाए।
उन्होंने कहा कि ठेकेदार समय पर कर्मचारियों का ईपीएफ, ईएसआइ एवं लेबर वेलफेयर फंड जमा नहीं करता। ज्यादातर जिलों में समय पर वेतन नहीं मिलता। कई जिलों में कर्मचारियों को 11 महीने से वेतन नहीं मिला। इसके कारण घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। नए कांट्रेक्ट में सिक्योरिटी गार्ड की पोस्ट को समाप्त कर दिया गया है। तीन हजार परिवारों पर बेरोजगारी का संकट हो जाएगा। ऐसे हालात में उनके पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
पांच के बगैर मास्क तो छह अतिक्रमण के चालान काटे
जासं, समालखा : नगरपालिका सफाई निरीक्षक की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कस्बे में 11 लोगों के चालान काटे। सभी से मौके पर चालान के पैसे वसूले गए। निरीक्षक विकास नरवाल ने बताया कि सभी चालान रेलवे और मातापुली रोड पर काटे गए हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण करने वालों से दो-दो सौ रुपये वसूले गए तो मास्क न लगाने वालों से पांच-पांच सौ रुपये। सरकार ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सभी को मास्क पहनना जरूरी कर दिया है। फिर भी लोग बाजार में बगैर मास्क के आ रहे हैं। दुकानदारों को बगैर मास्क वालों को सामान नहीं देने कहा गया है। भीड़ लगाने से भी रोका गया है। दुकानों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था रखने और दो गज दूरी का पालन करवाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी के आदेश की अनदेखी करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। टीम में शहरी ट्रैफिक प्रभार राजेश राठी भी शामिल थे।