कैथल स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के पास संसाधनों का टोटा, 12 लाख की आबादी के लिए 14 वेंटीलेटर

हरियाणा के कैथल में कोरोना महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग भले ही अलर्ट है लेकिन उसके पास पर्याप्‍त संसाधन तक नहीं है। कैथल में संसाधनों का टोटा है। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए मात्र 197 बेड हैं और 14 वेंटिलेटर है।

By Edited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 06:02 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 06:02 AM (IST)
कैथल स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के पास संसाधनों का टोटा, 12 लाख की आबादी के लिए 14 वेंटीलेटर
कोरोना महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट।

कैथल, जेएनएन। कोरोना महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास संसाधनों का भारी टोटा है। पूरे जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए मात्र 197 बेड हैं और 14 वेंटिलेटर है। आइसीयू वार्ड में 36 बेड हैं। जिला नागरिक अस्पताल के साथ-साथ शहर के शाह व सिग्नस अस्पताल में आइसीयू वार्ड बनाया गया है। इन दिनों सिविल अस्पताल में 50 के करीब कोरोना संक्रमित मरीज दाखिल हैं, इनमें से 10 मरीज वेंटीलेटर पर हैं। अन्य मरीजों को होम आइसोलेट किया गया है।

गुहला व कलायत में 50-50 बेडों का अस्पताल है। पूंडरी में भी 50 बेड हैं, लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों को दाखिल करने की जगह नहीं है। संक्रमित मरीज सामने आने पर सिविल अस्पताल रेफर किया जाता है। सीवन व राजौंद में तो स्थिति बेहद खराब है। सीवन में मात्र छह बेड हैं। जबकि सीवन गांव की आबादी 40 हजार के करीब और आसपास के 40 गांव के लोग भी यहां इलाज के लिए आते हैं।

पूर्व में सीवन के खरकां गांव में 50 बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। इसी तरह से एंबुलेंस भी मात्र दो हैं। संक्रमित मरीजों को छोड़ने वा लाने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है। जिले की कुल आबादी 12 लाख के करीब है। 200 बेडों के सिविल अस्पताल में कोरोना महामारी को लेकर इन दिनों 71 बेड हैं, विभाग 30 और बेड कोरोना संक्रमितों के लिए लगाने की प्ला¨नग कर रहा है।

सीवन का सामुदायिक केंद्र स्वयं बीमार

कोरोना की महामारी लगातार बढ़ रही है। सीवन का सामुदायिक केंद्र, जो पांच दर्जन गांवों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है, वह स्वयं बीमार है। कोरोना की इस महामारी के लिए अस्पताल कितना तैयार है इसको लेकर स्थिति का जायजा लिया गया। 40 हजार की आबादी व 14 हजार वोटों के इस नगर सीवन को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा तो मिल गया, लेकिन यह दर्जा केवल नाम का ही मिला है। सीवन की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र था उस समय भी छह बेड का अस्पताल था और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दर्जा मिलने के बाद भी छह बेड का ही अस्पताल रहा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने के बाद यह अस्पताल 30 बेड का बनना चाहिए था। जिस बड़े हाल में यह छह बेड लगे होते थे आज वह खंडहर बन चुका है। दो बेड बरामदे में डाल रखे है दो बैड एक दूसरे कमरे में डाले हुए है एक बेड प्रसूति गृह में डला हुआ है। एक दो कर्मचारी निवास को छोड़ सभी खंडहर बन चुके हैं। सरकार का सीवन के अस्पताल की तरफ कोई ध्यान तक नहीं हैं।

घर पर किया जा रहा आइसोलेट

सीवन में कोरोना का मरीज आने पर या तो उसे घर में ही आइसोलेट कर दिया जाता है या प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे हालत गंभीर होने पर गुहला या कैथल के अस्पताल में रैफर कर दिया जाता है। मरीज की हालत खराब होने पर आक्सीजन देने की व्यवस्था तो सीवन अस्पताल में है। यदि कोरोना मरीज को घर में आइसोलेट किया जाता है तो स्टाफ देखभाल करता है तथा काल आने पर घर पर भी चिकित्सा सुविधा दी जाती है। अस्पताल में स्टाफ के लिए बनाए गए रिहायशी क्वाटर कंडम हो चुके हैं। नगर निवासियों की मांग है कि इस महामारी के समय में सीवन के अस्पताल में अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाए।

सिविल सर्जन डा. ओमप्रकाश ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर विभाग की तरफ से पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। पूरे जिले में कुल 197 बेड इस समय है। जरूरत पड़ने पर बेडों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। कोरोना सैंप¨लग और वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सहयोग करें। मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करें। घर से तभी बाहर निकले जब जरूरत हो। बच्चों और बुजुर्गो का खास ख्याल रखें। खांसी, जुकाम के लक्षण होने पर सिविल अस्पताल पहुंचकर जांच करवाएं। किसी भी तरह की अफवाहों से बचें।

chat bot
आपका साथी