एक गुट ने कहा- सर्वसम्मति से बने प्रधान, दूसरा चुनाव पर अड़ा, हंगामे के कारण सनातन धर्म संगठन नहीं चुन पाया मुखिया

पानीपत में वार्ड नंबर 9 स्थित महाबीर दल संकटमोचन हनुमान मंदिर में रविवार को बुलाई सभा हंगामे की भेंट चढ़ गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Sep 2018 10:03 AM (IST) Updated:Mon, 10 Sep 2018 10:03 AM (IST)
एक गुट ने कहा- सर्वसम्मति से बने प्रधान, दूसरा चुनाव पर अड़ा,  हंगामे के कारण सनातन धर्म संगठन नहीं चुन पाया मुखिया
एक गुट ने कहा- सर्वसम्मति से बने प्रधान, दूसरा चुनाव पर अड़ा, हंगामे के कारण सनातन धर्म संगठन नहीं चुन पाया मुखिया

जागरण संवाददाता, पानीपत : वार्ड नंबर 9 स्थित महाबीर दल संकटमोचन हनुमान मंदिर में रविवार को सनातन धर्म संगठन के प्रधान का मनोनयन हंगामे के कारण टल गया। संगठन के सदस्यों ने सिलेक्शन और इलेक्शन के फेर में हंगामा खड़ा कर दिया। हॉल में शोर शराबा होने पर 50 फीसद सदस्य बैठक को छोड़ कर चले गए। शाम सात बजे तरुण गांधी ने घोषणा की कि सूरज पहलवान और वेद प्रकाश शर्मा की तरफ से मनोनीत 5-5 सदस्य और तीन कमिश्नर मिल कर इस विवाद को सुलझाएंगे। दो दिन में बैठक बुलाकर विवाद सुलझा लिया जाएगा।

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यूं चला घटनाक्रम

सनातन धर्म संगठन शहर में सबसे बड़ा धार्मिक संगठन है। दो वर्ष में एक बार प्रधान चुना जाता है। शाम 4 बजे से बैठक शुरू हुई। मंदिर के अध्यक्ष हरभगवान नारंग ने सभा की विधिवत शुरुआत की। खचाखच भरे हॉल में एजेंडा रखा गया। कैशियर की ओर से लेखा-जोखा प्रस्तुत करने के बाद प्रधान सूरज पहलवान ने इस्तीफा दे कार्यकारिणी भंग कर दी। नया प्रधान बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। रमेश नांगरू, तरुण गांधी और पुरुषोत्तम शर्मा को कमिश्नर बनाया गया।

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सूरज पहलवान का इसलिए हुए विरोध

पंजाबी ब्राह्मण सभा की तरफ से संजय शर्मा ने वेद प्रकाश शर्मा (कोषाध्यक्ष) का, श्रीराम सेवा दल के हरीश खुराना ने सुभाष बठला का और भीम सचदेवा ने सूरज पहलवान का नाम प्रधान पद के लिए प्रस्तावित किया। सूरज पहलवान का नाम आते ही कुछ लोग यह कहते हुए विरोध करने लगे कि दो साल पहले आठ मरला के राधा कृष्ण मंदिर में उन्होंने आगे से चुनाव न लड़ने की घोषणा की थी। बठला ने सूरज पहलवान को समर्थन देते हुए नाम वापस ले लिया।

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रामदेव के बयान से बिगड़ा माहौल

शोर शराबे भरे माहौल में युद्धवीर रेवड़ी सूरज पहलवान का विरोध करने के लिए आगे आ गए। पिछले चुनाव का तर्क देते हुए किसी और को प्रधान पद की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही। उनके समर्थन में पंकज आहूजा सहित 20-25 लोग आगे आ गए। सभा के संरक्षक और बुजुर्ग सदस्य इलेक्शन के बजाय सिलेक्शन की बात दोहराते रहे। बसंत रामदेव बार बार माइक लेने का प्रयास कर रहे थे। माइक देने में देर हुई तो कमिश्नर पर नाराजगी भी जता दी। माइक लेकर रामदेव ने कहा कि मंदिर में भगवान के समक्ष सूरज पहलवान यह कह दें कि 2016 में चुनाव के दौरान उन्होंने अगली बार चुनाव न लड़ने के बारे में कुछ नहीं कहा तो छठी बार उनकी प्रधानगी हमें स्वीकार्य होगी। इस पर हंगामा हो गया। पक्ष-विपक्ष में 20-25 सदस्य मंच के पास आकर शोर शराबा करने लगें। धर्मसभा की बैठक को राजनीतिक रंग देते हुए ¨जदाबाद के नारे भी लगाए। आधे घंटे तक माहौल गरमाया रहा।

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चेयरमैन पर नहीं बनी बात

मामला बिगड़ता देख पुरुषोत्तम शर्मा ने वेद प्रकाश शर्मा को संगठन का प्रधान और सूरज पहलवान को चेयरमैन बनाने की घोषणा कर दी। इसके बाद भी हंगामा नहीं रुका। पहलवान के विरोधी मानने को तैयार नहीं थे।

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इलेक्शन होगा तो लड़ूंगा : बठला

फोटो 51

हंगामे के बाद कांग्रेस नेता और निवर्तमान सीनियर डिप्टी मेयर के पति सुभाष बठला भी तैश में आ गए। सिलेक्शन के स्थान पर इलेक्शन की बात सामने आई तो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए। बठला ने कहा कि सूरज पहलवान के समर्थन में बैठे थे। चुनाव होने पर जरूर लड़ेंगे।

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चैरिटेबल ट्रस्ट है संगठन

संगठन के पदाधिकारियों के मुताबिक सोसाइटी आठ प्रकार की होती है। सनातन धर्म संगठन कोई सोसाइटी नहीं है। चैरिटेबल ट्रस्ट है। एक जनवरी 2018 को इसे पंजीकृत कराया गया।

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यह है एजेंडा

सतनाम मिगलानी ने एजेंडा रखा। इसमें नए मेंबर बनाने से लेकर चुनाव का स्थान तय किया गया। रिकॉर्ड में दो सितंबर तक 2018 तक 133 संस्थाएं सदस्यता ले चुकी हैं। 665 मेंबर बने हैं। एजेंडे में कहा गया कि प्रधान पद के लिए सिलेक्शन करना है इलेक्शन नहीं। कमिश्नर की देखरेख में कार्रवाई पूरी होगी।

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मौन श्रद्धांजलि अर्पित

सभा की बैठक शुरू होते ही सदस्यों ने संत मुनि तरुण सागर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, एम करुणानिधि और वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर को मौन रख श्रद्धांजलि दी गई।

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संगठन का इतिहास

धर्म की सुचिता, परोपकार भाव और ब्राह्मणों को समझाने के लिए सनातन धर्म संगठन की स्थापना 1978 में हुई। गीतानंद महाराज के मार्गदर्शन में भाद्रपद पुरुषोत्तम मास में उस समय संगठन अस्तित्व में आया। विस्तार होता गया। 20 किमी परिधि में फैले शहर के 135 मंदिर और संस्थाएं संगठन से अधिकृत हैं। वर्ष 2009 के प्रधान सूरज पहलवान और कोषाध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा के प्रयासों से संगठन ने खूब तरक्की की है। पर्व त्योहारों की सूची की 40 हजार कैलेंडर छपते हैं। विदेश में भी भेजा जाता है।

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किसने क्या कहा

-संगठन बनने के बाद 50-50 रुपये देकर सेवा करते थे। प्रधान के सिलेक्शन के समय मंच पर मुझे खड़ा करना अच्छी बात नहीं है।

-हर भगवान नारंग, अध्यक्ष संकटमोचन मंदिर।

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-इलेक्शन नहीं प्रधान का सिलेक्शन करें।

-सतनाम मिगलानी

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-सिलेक्शन का माहौल नहीं था। सभा में कुछ बदमाश आ गए थे। शहर के लिए यह कलंक जैसा है। प्रधान सूरज पहलवान जिद पर अड़े रहे। उन्हें खडे़ होकर माफी मांगनी चाहिए।

-हरीश शर्मा

निवर्तमान पार्षद, वार्ड नंबर 3

फोटो नं. 52

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-सूरज पहलवान ने पिछली बार कहा था कि 2018 में चुनाव नहीं लड़ेंगे। धर्म का उन्हें पालन करना चाहिए।

-उत्तम।

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-मैं अपनी घोषणा को रद करता हूं।

-तरुण गांधी।

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-सनातन धर्म संगठन की बैठक में इस तरह की बातें शोभा नहीं देती है। मीडिया इसे दिखाएगा। संगठन की बदनामी होगी।

-ब्रह्म ऋषि।

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झलकियां :

-मंदिर में शाम 4.15 बजे हनुमान चालीसा के पाठ से सभा शुरू हुई।

-महामंत्री डॉ. महेंद्र शर्मा ने 4:23 बजे से सभा की कार्यवाही शुरू की।

-सुंदरकांड से संगठन को 3.42 लाख की होती है आय।

-सभा में पहली बार उपस्थिति 500 से अधिक रही।

-शाम 6.12 बजे इलेक्शन कराने की मांग पर सभा भंग करने की घोषणा की गई।

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