कार्तिक मास के व्रत पूरे, पूर्णिमा पर मंदिरों में हुई पूजा अर्चना

कार्तिक माह को भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। हिदू धर्म के सभी बड़े त्योहार इस महीने में आते हैं। इसे परम पावन और पुण्यदायी महीना माना जाता है। पूरे माह व्रती सुबह सूर्य उदय से पहले स्नान करते हैं। व्रत रखते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 09:18 AM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 09:18 AM (IST)
कार्तिक मास के व्रत पूरे, पूर्णिमा पर मंदिरों में हुई पूजा अर्चना
कार्तिक मास के व्रत पूरे, पूर्णिमा पर मंदिरों में हुई पूजा अर्चना

जागरण संवाददाता, पानीपत : कार्तिक माह को भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। हिदू धर्म के सभी बड़े त्योहार इस महीने में आते हैं। इसे परम पावन और पुण्यदायी महीना माना जाता है। पूरे माह व्रती सुबह सूर्य उदय से पहले स्नान करते हैं। व्रत रखते हैं। इस महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि कार्तिक पूर्णिमा नाम से जानी जाती है। रविवार को महिलाओं ने व्रत रखा। मंदिरों में पूजा अर्चना की। सुबह मंदिरों में हवन भी हुआ। इसके साथ बच्चों, महिलाओं ने मनोकामना मांगी। व्रत महिलाओं ने बताया कि इस दिन मनोकामना पूरी होती है। बहुत से बच्चों महिलाओं ने मंदिरों में कोठी बनाई। कहा जाता है। जिसे मकान की इच्छा हो इस दिन वे मकान का स्वरूप बनाते हैं। व्रती महिलाओं ने भगवान लक्ष्मी नारायण की आराधना की। उनके समक्ष घी के दीपक जलाकर विधिपूर्वक पूजा की। हवन र भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी। खीर भोग का प्रसाद लगाकर बांटा। शाम को लक्ष्मी नारायण की आरती करने के बाद तुलसी की आरती की। साथ ही दीप दान भी किया। लोगों ने गोशालाओं सहित मंदिर में दान भी दिया। इस दिन दान का विशेष महत्व बताया गया है।

पूर्णिमा तिथि 29 नंवबर रविवार दोपहर 12:48 बजे से शुरु हो गई। 30 नवंबर सोमवार 03 बजे तक पूर्णिमा रहेगी।

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