Tokyo Olympics: ओलिंपियन बाॅक्सर मनोज कुमार ने ट्वीट कर उठाए व्यवस्था पर सवाल, बताई अमित पंघाल के हार की वजह

बॉक्‍सर अमित पंघाल के हारने से निराश ओलिंपियन बाक्सर ने गुस्‍सा जताया है। मनोज कुमार ने व्‍यवस्‍था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं उनके कोच राजेश कुमार ने भी समर्थन किया। बॉक्‍सर मनोज कुमार ने ट्वीट कर रोष जताया।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 03:24 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 03:24 PM (IST)
Tokyo Olympics: ओलिंपियन बाॅक्सर मनोज कुमार ने ट्वीट कर उठाए व्यवस्था पर सवाल, बताई अमित पंघाल के हार की वजह
ओलंपियन बॉक्‍सर मनोज कुमार और अमित पंघाल।

कैथल, जागरण संवाददाता। खेल सिस्टम पर शुरुआत से ही हमलावर रहे ओलिंपियन बाक्सर मनोज कुमार और उनके कोच राजेश कुमार ने एक बार फिर व्यवस्था पर वार किया है। टोक्यो ओलिंपिक-2020 में भारतीय मुक्केबाजों और अन्य खेलों में कमजोर प्रदर्शन के लिए सपोर्टिंग स्टाफ के अभाव को जिम्मेदार ठहराया है। बाक्सर मनोज कुमार ने ट्वीट के जरिये कहा कि हमारे मुक्केबाजाें की फिटनेस बरकरार रखने में मुक्केबाजी सपोर्टिंग स्टाफ असफल रहा। हमारी मेडल की उम्मीद वर्ल्ड नंबर वन अमित पंघाल को कहीं न कहीं पर्सनल कोच की कमी खली है। वह साथ होते तो रिजल्ट कुछ और होता और एक और मेडल इंडिया की झोली में होता।

देश से बाहर ट्रेनिंग प्रोग्राम था गलत फैसला

उनके कोच राजेश कुमार ने ट्वीट किया कि देश से बाहर खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम रखना सबसे गलत निर्णय था। ऐसे माहौल में हम देश में रहकर ही बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। टोक्यो ओलिंपिक में मुक्केबाजों की हार के जिम्मेदार परफार्मेंस डायरेक्टर और चीफ कोच हैं।

अपने कोच राजेश कुमार के साथ ओलिंपियन बाक्सर मनोज कुमार। फोटो इंटरनेट मीडिया

इसी ट्वीट में राष्ट्रीय बाक्सर मुकेश कुमार ने जवाब दिया है कि इस हार के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय होनी चाहिए। देश ने एक मेडल खो दिया है। कोच राजेश कुमार ने कहा कि अमित पंघाल ने कई बार निवेदन किया कि उनके कोच को साथ भेजा जाए, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। बचपन से जो कोच बाक्सर को सिखाता है, उसके हर एक मूव को समझता है, खेल के दौरान उसकी मौजूदगी मनोबल भी बढ़ाती है।

विश्व की नंबर रैंकिंग वाले बाक्सर अमित पंघाल के साथ करना सही नहीं था। छठी रैंकिंग वाले बाक्सर विकास कृष्णन चोटिल हो गए। यह फिटनेस का अभाव दर्शाता है, जिसके पीछे भी सपोर्टिंग स्टाफ की कमी दिखती है। माणिक बत्रा और मनु भाकर के केस में भी यही हुआ। राजेश ने कहा कि रियो ओलिंपिक से हमें सीख लेनी चाहिए थी।

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