Olympics Games Tokyo 2020: तीसरी बार ओल‍ंपिक खेल रहे शूटर संजीव से पदक की उम्‍मीद, जानिए अब तक का उनका सफर

हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले शूटर संजीव राजपूत का 50 मीटर राइफल इंवेंट चल रहा है। कुछ ही देर में क्‍वालीफाई राउंड का फैसला भी आ जाएगा। अभी 23वें नंबर पर चल रहे हैं। हालांकि प्वाइंट का अंतर काफी कम है। ऐसे में देश को उनसे पदक की उम्‍मीद।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:37 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:37 AM (IST)
Olympics Games Tokyo 2020: तीसरी बार ओल‍ंपिक खेल रहे शूटर संजीव से पदक की उम्‍मीद, जानिए अब तक का उनका सफर
हरियाणा का रहने वाला शूटर संजीव राजपूत।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। आज टोक्यो ओलिंपिक में सभी की निगाहें निशानेबाज संजीव राजपूत पर हैं। आज उनका मैच शुरू हो चुका है। उनकी जीत के लिए परिजनों द्वारा घर पर पूजा पाठ किया जा रहा। वहीं खेल प्रेमी भी उनकी जीत के लिए दुआएं मांग रहे हैं। टोक्यो ओलिंपिक में पदक जीतने के लिए संजीव तीन साल से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उम्मीद है कि वह शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत कर भारत की झोली में पदक डालेंगे। जगाधरी के संजीव राजपूत के हौंसले बुलंद हैं। मकसद केवल ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। इसलिए देर रात तक तैयारी में पसीना बहाया है।

पहले भी दो बार खेल चुके हैं भारत का प्रतिनिधित्व

जो खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक खेलों में खेल रहे हैं वह जरूर दबाव में होते हैं। परंतु 40 वर्षीय संजीव राजपूत के साथ ऐसा नहीं है। इससे पहले वर्ष 2008 व 2012 में भी ओलंपिक खेलों में क्वालीफाई कर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसलिए ओलंपिक में पहले खेलने का अनुभव उनके काम आएगा। इसलिए लोगों को संजीव से उम्मीदें भी बहुत ज्यादा हैं कि वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीत कर भारत का नाम रोशन जरूर करेंगे। संजीव ने ओलंपिक खेलों में 50 मीटर राइफल केटेगरी के लिए क्वालीफाई किया हुआ है। वहीं उनके भाई मनोज राजपूत ने कहा कि संजीव काफी मेहनती है। वह ओलंपिक में जरूर से जरूर पदक जीतेगा।

सुबह करते हैं योग

ओलिंपिक में पदक जीतने के लिए संजीव राजपूत योग का भी सहारा ले रहे हैं। क्योंकि योग से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ध्यान को केंद्रित करने में भी मदद मिलती है। संजीव राजपूत सुबह उठते ही सबसे पहले योग करते हैं। इसके बाद प्रेक्टिस के लिए शूटिंग रेंज में जाते थे। जहां पर रोजाना आठ घंटे प्रेक्टिस करते हैं। एक दिन में करीब 300 गोलियों से उन्होंने निशाना लगाया। श्रीश्री रविशंकर ने उन्हें कह चुके हैं कि वह अपने ऊपर किसी तरह का दबाव महसूस न करें।

प्रधानमंत्री ने दे चुके हैं जीत का मंत्र

संजीव राजपूत समेत ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहे सभी खिलाड़ियों से पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की थी। उन्होंने खिलाड़ियों को जीत का मंत्र दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोई भी खिलाड़ी किसी दबाव में न खेले। करोड़ों हिंदुस्तानियों की दुआएं उनके साथ हैं। प्रधानमंत्री ने जिस तरह से सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया है उससे सभी जोश हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह ओलंपिक खेलों में जरूर गोल्ड मेडल जीत कर लाएंगे।

कई मेडल कर चुके हैं अपने नाम

संजीव राजपूत वर्ष 2004 में इस्लामाबाद में हुए सैफ गेम्स में तीन गोल्ड व एक सिल्वर मेडल, वर्ष 2006 में दोहा (कतर) में हुए एशियन गेम्स में कांस्य पदक, 2010 में चीन में हुए एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीते चुके हैं। वर्ष 2011 में चीन के चांगवान में आइएसएसएफ विश्व कप में गोल्ड मेडल, 2014 में इंचियोन (दक्षिण कोरिया) में कांस्य पदक, अगस्त 2018 में हुए एशियाई खेलों में 50 मीटर राइफल थ्री पाजिशन स्पर्धा, रियो डी जेनेरियो में हुए आइएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड कप 2019 में रजत पदक जीतने के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में मेडल उनके नाम है। पांच जनवरी 1981 को जन्मे संजीव ने एसडी स्कूल जगाधरी से 12वीं करने के बाद 18 वर्ष की आयु में नेवी ज्वाइन की थी। भारतीय नौसेना से 2014 में मास्टर चीफ पेटी आफिसर से पदमुक्त हुए हैं।

संजीव की उपलब्धियां

निशानेबाजी विश्व कप

2011 गोल्ड मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)

2010 में सिल्वर मेडल (10 मीटर एयर राइफल)

2016 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)

2019 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)

2021 में गोल्ड मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)

कामनवेल्थ गेम्स:

2006 में कांन्स पदक (50 मीटर थ्री पोजिशन)

2014 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)

2018 में गोल्ड मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)

एशियन गेम्स

2018 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)

संजीव की शानदार कामयाबी को सराहते हुए भारत सरकार ने 2010 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी