Olympic Games Tokyo 2020: इंडिया के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा पहुंचे टोक्यो, मुकाबले को लेकर रोमांचित

हरियाणा के पानीपत के रहने वाले भारतीय स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ओलंपिक में भाग लेने के लिए टोक्‍यो पहुंच गए हैं। टोक्‍यो पहुंचने के बाद नीरज ने इंटरनेट मीडियो पर फोटो पोस्‍ट की हैं। वहीं परिवार वालों से भी बात की।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 12:55 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 12:55 PM (IST)
Olympic Games Tokyo 2020: इंडिया के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा पहुंचे टोक्यो, मुकाबले को लेकर रोमांचित
स्टाफ के साथ नीरज चोपड़ा। सौजन्य इंटरनेट मीडिया

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के मतलौडा ब्लाक के खंडरा गांव के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा स्वीडन से मंगलवार सुबह टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वहां पहुंच गए। इंटरनेट मीडिया पर फोटो पोस्ट कर नीरज ने कहा कि ये उनका पहला ओलंपिक है। वह बेहद रोमांचित हैं। देशवासी उनका हौसला बढ़ाएं, ताकि वह देश के लिए पदक जीत सकें।

नीरज के चाचा भीम सिंह ने जागरण को बताया कि बेटे नीरज से ओलंपिक की तैयारी को लेकर बात हुई है। नीरज ने बताया कि स्वीडन में खूब अभ्यास किया है। आत्मविश्वास बढ़ा है। कई नामचीन थ्रोअर के साथ भी अभ्यास का मौका मिला है। शरीर को स्वस्थ रखने व तकनीक में सुधार पर भी जोर दिया है। वह ओलंपिक में पदक जीतने के लिए शत प्रतिशत कोशिश करेगा। पूरी उम्मीद है कि देश को पदक मिले। उधर, देश के भाला फेंक एथलीट शिवपाल ने टोक्यो खेल गांव में जैवलिन थ्रो का अभ्यास किया।

जानिये शेड्यूल

- 4 अगस्त को सुबह 5:35 बजे जैवलिन थ्रो का क्वालीफाइंग राउंड होगा।

-7 अगस्त को शाम 4:30 बजे जैवलिन थ्रो का फाइनल होगा।

बेटा खुलकर खेलना, जीत मिलेगी

भीम चोपड़ा ने नीरज को कहा है कि मेहनत रंग लाएगी। मुकाबले वाले दिन घबराना मत। खुलकर खेलना। जीत मिलेगी। देश भी आपकी जीत की कामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि नीरज ने कड़ा अभ्यास किया है। वह देश को पदक भी दिलाएगा।

जानिए नीरज के बारे में

24 दिसंबर 1999 को नीरज का जन्म पानीपत के मतलौडा के खंडरा गांव में हुआ था। उनके पिता किसान सतीश कुमार और मां सरोज देवी गृहिणी हैं। 17 सदस्यीय संयुक्त परिवार है। 12 वर्ष के नीरज का वजन करीब 80 किलो था। 2011 में चाचा सुरेंद्र उन्हें पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में ले गए। नीरज ने कड़ा अभ्यास कर 20 किलो वजन घटाया। पिता ने सात हजार रुपये की पहली जैवलिन दिलाई थी। अब नीरज भारत के स्‍टार जैवलिन थ्रोअर बन चुके हैं।

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