पोषण पुनर्वास केंद्र शुरू, पहले ही दिन आठ कुपोषित बच्चे भर्ती

शून्य से पांच वर्ष की आयु तक के करीब 20 फीसद बच्चे कुपोषित और लगभग पांच फीसद बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी में आते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 10:33 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 06:32 AM (IST)
पोषण पुनर्वास केंद्र शुरू, पहले ही दिन आठ कुपोषित बच्चे भर्ती
पोषण पुनर्वास केंद्र शुरू, पहले ही दिन आठ कुपोषित बच्चे भर्ती

जागरण संवाददाता, पानीपत: सिविल अस्पताल में आखिरकार एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) को कुपोषित बच्चों के लिए बिना किसी हो-हल्ला के ओपन कर ही दिया। पहले ही दिन आठ बच्चे एडमिट हुए हैं, इनमें से पांच अतिकुपोषित की श्रेणी में हैं। इन बच्चों को इलाज के दौरान पौष्टिक भोजन भी मुहैया कराया जाएगा। केयर के लिए बच्चों की मां या पिता (कोई एक सदस्य) साथ रह सकेगा। गौरतलब है कि शून्य से पांच वर्ष की आयु तक के करीब 20 फीसद बच्चे कुपोषित और लगभग पांच फीसद बच्चे अति कुपोषित की श्रेणी में आते हैं।

हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी 156 कुपोषित बच्चों की सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंपी थी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत खोले गए एनआरसी में फिलहाल 10 बेड हैं। अधिक बच्चे आने पर एक बेड पर दो बच्चों को भी लिटाया जा सकता है। शिशु रोग विशेषज्ञ और स्टाफ नर्स रखेंगी कुपोषित बच्चों का ख्याल

केंद्र की डाइटीशियन रिम्पी तागरा ने बताया कि शिशु रोग विशेषज्ञ और स्टाफ नर्स बच्चों का ख्याल रखेंगे। रसोइया डाइट चार्ट के अनुसार भोजन तैयार करेगा। एक स्वीपर की ड्यूटी भी लगाई गई है। कुपोषित बच्चों को सेंटर में सात से तीस दिनों तक इलाज व पौष्टिक भोजन मुहैया कराया जाएगा। बच्चों के साथ देखभाल के लिए उनके माता-पिता में से कोई एक साथ रह सकेगा। आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स कुपोषित बच्चों को केंद्र तक लाएंगी। तीमारदार को भी मिलेंगे रोजाना 100 रुपये

तीमारदार अपने बच्चे को भोजन कराने समेत उसकी साफ-सफाई का ध्यान रखेगा। शिशु रोग विशेषज्ञ नियमित रूप से बच्चों की जाच करेंगे। कुपोषण श्रेणी से बाहर आने पर बच्चे को घर भेज दिया जाएगा। बच्चे के साथ जो भी व्यक्ति रहेगा, उसे वेज कम्पैनसेशन स्कीम के तहत रोजाना 100 रुपये भी दिए जाएंगे। इंडोर गेम की सुविधा

पोषण पुनर्वास केंद्र में एलसीडी लगेगी, जिससे बच्चे कार्टून फिल्में देख सकेंगे। दीवारों को फलों-सब्जियों के फोटो से सजाया गया है। इससे बच्चों को इन्हें खाने की प्रेरणा मिलेगी और खेल-खेल में इनके नाम लेना और खूबियां भी जान जाएंगे। इसके अलावा सॉफ्ट टॉय, सांप-सीढ़ी, एबीसीडी और गिनती का कैलेंडर भी टांगा जाएगा। अभी सीलिग फैन से काम

एनआरसी की छत पर यूं तो सीलिग फैन लगे हुए हैं लेकिन तापमान अधिक और धूप सीधी केंद्र की दीवारों पर पड़ने के कारण कक्ष में उमस और गर्मी बनी हुई है। डाइटिशियन रिम्पी तागरा ने बताया कि अस्पताल प्रशासन से तीन एसी की मांग की गई है।

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